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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने आयोजित की 30वीं वार्षिक वाद-विवाद प्रतियोगिता, CISF बनी सर्वश्रेष्ठ टीम

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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC), भारत ने सशस्त्र सीमा बल (SSB) के सहयोग से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) के लिए अपनी 30वीं वार्षिक वाद-विवाद प्रतियोगिता का फाइनल राउंड नई दिल्ली में आयोजित किया। प्रतियोगिता का विषय था— "मानवाधिकारों का पालन अर्धसैनिक बलों द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किए बिना किया जा सकता है"।

सेमीफाइनल और ज़ोनल राउंड के बाद कुल 16 प्रतिभागियों ने हिंदी और अंग्रेज़ी में पक्ष और विपक्ष में अपनी बात रखी। CISF ने सर्वश्रेष्ठ टीम के रूप में रनिंग ट्रॉफी जीती।

व्यक्तिगत पुरस्कार

हिंदी वाद-विवाद:

  • प्रथम पुरस्कार:मायंक वर्मा, सहायक कमांडेंट, CISF

  • द्वितीय पुरस्कार: दीपक सिंह यादव, भर्ती GD, असम राइफल्स

  • तृतीय पुरस्कार: आशुतोष सिंह, कॉन्स्टेबल, BSF

अंग्रेज़ी वाद-विवाद:

  • प्रथम पुरस्कार: अरुंधति वी., सहायक कमांडेंट, CISF

  • द्वितीय पुरस्कार: मेजर आदित्य पाटिल, असम राइफल्स

  • तृतीय पुरस्कार: नरेश चन्द्र बजेटा, सहायक कमांडेंट, NSG

विजेताओं को प्रमाणपत्र, मोमेंटो के साथ क्रमशः ₹12,000, ₹10,000 और ₹8,000 की नकद राशि भी प्रदान की गई।

NHRC अध्यक्ष का संबोधन

NHRC अध्यक्ष न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमणियन ने सभी प्रतिभागियों के स्पष्ट और तर्कपूर्ण विचारों की सराहना की और कहा कि सभी विजेता बनने योग्य हैं। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता का उद्देश्य सशस्त्र बलों को मानवाधिकारों के दृष्टिकोण से अपनी ड्यूटी पर चिंतन करने का अवसर देना है।

उन्होंने यह भी कहा:

  • संतुलन ही सशस्त्र बलों के कर्तव्यों का सार है।

  • यह कहना अतिशयोक्ति होगी कि मानवाधिकारों का पालन केवल राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करके ही संभव है।

  • मानवाधिकार और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर बहस प्राचीन काल से चली आ रही है—उन्होंने रामायण और महाभारत के उदाहरण भी दिए।

अन्य अधिकारियों के विचार

  • NHRC सदस्य विजय भारती सयानी: “सुरक्षा और मानवाधिकार विरोधी अवधारणाएँ नहीं, बल्कि हमारी लोकतांत्रिक संरचना के पूरक स्तंभ हैं।”

  • NHRC सचिव जनरल भारत लाल: “पुलिस का कर्तव्य और मानवाधिकारों की रक्षा एक-दूसरे के विरोध में नहीं हैं। सार्वजनिक व्यवस्था के साथ ही समानता और स्वतंत्रता का आनंद लिया जा सकता है।”

  • विशेष DG, SSB, अनुपमा निलेक्कर चंद्रा: प्रतिभागियों की स्पष्टवादी और गहन अभिव्यक्ति की सराहना की।

कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारी

कार्यक्रम में NHRC के कई वरिष्ठ अधिकारी, CAPF कर्मी, DG (इन्वेस्टिगेशन) आनंद स्वरूप, रजिस्ट्रार (लॉ) जोगिंदर सिंह और जूरी सदस्यों में डॉ. मीरन चड्ढा बोरवांकर तथा प्रो. रजनी अब्बी शामिल रहे।
NHRC SSP हरीलाल चौहान ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।



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