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IISF 2025: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने विज्ञान उत्सव का उद्घाटन किया, तीन ‘C’ – Celebration, Communication और Career पर दिया जोर

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पंचकुला- केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज हरियाणा के पंचकुला में चार दिवसीय भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (IISF) 2025 का उद्घाटन किया। मंत्री ने कहा कि भारत की वैज्ञानिक प्रगति केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि इसे नागरिकों, छात्रों और युवा पेशेवरों के साथ सार्थक रूप से जोड़ना आवश्यक है। यह महोत्सव 6 से 9 दिसंबर तक आयोजित किया जा रहा है।

तीन ‘C’ – Celebration, Communication और Career

डॉ. जितेंद्र सिंह ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि IISF को साधारण शैक्षणिक सभा के रूप में नहीं, बल्कि एक खुला, जन-सामना करने वाला मंच के रूप में विकसित किया गया है, जो विज्ञान को लोगों के करीब लाता है।

मंत्री ने तीन “C” का अर्थ समझाया:

  1. Celebration – भारत की वैज्ञानिक यात्रा और उपलब्धियों का उत्सव।

  2. Communication – शैक्षणिक संस्थानों से बाहर वैज्ञानिक ज्ञान का प्रसार।

  3. Career – युवा प्रतिभागियों के लिए करियर खोज का मंच।

उन्होंने कहा कि महोत्सव में छात्रों, शोधकर्ताओं और नए शिक्षार्थियों को स्टार्टअप, उद्योग और अनुसंधान में उभरते अवसरों के बारे में जानकारी मिलती है, जिसमें औपचारिक सत्रों के साथ-साथ अनौपचारिक नेटवर्किंग के मौके भी शामिल हैं।

Viksit Bharat@2047 में विज्ञान की भूमिका

डॉ. सिंह ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी आर्थिक विकास और सामाजिक परिवर्तन की नींव हैं। उन्होंने पिछले दशक में भारत द्वारा अपनाई गई मिशन-ड्रिवन विज्ञान नीति, सुधारों, बुनियादी ढांचे में निवेश और प्रतिभा विकास पर जोर दिया। उन्होंने वैज्ञानिक प्रगति के सरकारी कार्यान्वयन और सार्वजनिक सेवा में योगदान जैसे बेहतर मौसम पूर्वानुमान, चेतावनी प्रणाली, ध्रुवीय अनुसंधान और डिजिटल तकनीकों का उदाहरण दिया।

आत्मनिर्भर भारत और प्रमुख वैज्ञानिक पहल

IISF 2025 का विषय है – “विज्ञान से समृद्धि: आत्मनिर्भर भारत की ओर”। मंत्री ने कहा कि विज्ञान में आत्मनिर्भरता धीरे-धीरे आकार ले रही है। प्रमुख पहलें:

  • बहुउद्देश्यीय ऑल-वेदर अनुसंधान पोत (2028 में कमीशन होने की संभावना)

  • देश का मानव-सबमर्सिबल कार्यक्रम

  • अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस्तेमाल होने वाले जलवायु डेटा और मॉडल

वैश्विक मान्यता और अनुसंधान उपलब्धियां

मंत्री ने भारत की वैश्विक नवाचार, अनुसंधान उत्पादन और उद्यमिता में प्रगति का उल्लेख किया। उदाहरण स्वरूप:

  • चंद्रयान-3 मिशन

  • कोविड-19 महामारी के दौरान देशी टीका विकास

  • जैव प्रौद्योगिकी में उपलब्धियां

उन्होंने कहा कि ये सभी अनुसंधान के साक्ष्य-आधारित परिणाम हैं।

युवा सहभागिता और करियर अवसर

डॉ. सिंह ने बताया कि IISF की गतिविधियों का एक बड़ा हिस्सा स्कूल, कॉलेज छात्रों और युवा शोधकर्ताओं के लिए डिज़ाइन किया गया है। उन्होंने विज्ञान करियर की व्यापक संभावनाओं पर जोर दिया, जिसमें स्टार्टअप्स, उद्योग-नेतृत्व वाले अनुसंधान और लागू नवाचार शामिल हैं। इस वर्ष के कार्यक्रम में क्वांटम तकनीक, जैव प्रौद्योगिकी, ब्लू इकोनॉमी और डीप-टेक उद्यमिता पर सत्र शामिल हैं।

सार्वजनिक-निजी सहयोग और नवाचार

मंत्री ने सार्वजनिक अनुसंधान संस्थानों और निजी उद्योग के बीच मजबूत सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने हाल की नीतिगत पहलें बताईं जो अंतरिक्ष, स्वास्थ्य तकनीक और उन्नत निर्माण जैसे क्षेत्रों में निजी भागीदारी बढ़ाने के लिए बनाई गई हैं।

प्रदर्शनी और वैज्ञानिक इंटरैक्शन

उद्घाटन कार्यक्रम में मंत्री ने Science-Technology-Defence-Space Exhibition और “Science on a Sphere” इंस्टॉलेशन का उद्घाटन किया। उन्होंने भारत के अंटार्कटिका रिसर्च स्टेशन, भारतीय अनुसंधान केंद्र, भारती से लाइव इंटरफेस के माध्यम से बातचीत की और चरम ध्रुवीय परिस्थितियों में हो रहे अनुसंधान का अवलोकन किया।

उद्देश्य और दीर्घकालिक प्रभाव

IISF 2025 में प्रदर्शनी, व्याख्यान और इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि जनता के साथ विज्ञान की सहभागिता बढ़े और भारत के दीर्घकालिक अनुसंधान, नवाचार और मानव संसाधन विकास के राष्ट्रीय लक्ष्यों में योगदान मिले।


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