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अमित शाह ने रतन टाटा की जयंती पर दी श्रद्धांजलि, कहा– ईमानदारी और करुणा से भारतीय उद्योग को नई दिशा दी

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नई दिल्ली- केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने महान उद्योगपति और टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा जी की जयंती के अवसर पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने रतन टाटा को ऐसा दूरदर्शी नेतृत्वकर्ता बताया, जिन्होंने ईमानदारी, करुणा और राष्ट्रसेवा के मूल्यों के साथ भारतीय उद्योग जगत को वैश्विक पहचान दिलाई।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किए गए अपने संदेश में अमित शाह ने कहा—

“रतन टाटा जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि, जिन्होंने ईमानदारी और करुणा के साथ भारतीय उद्यमिता को नई पहचान दी। स्वदेशी उद्योग के निर्माण से लेकर निःस्वार्थ परोपकार तक, उन्होंने यह सिद्ध किया कि सच्ची सफलता राष्ट्रसेवा में निहित होती है। उनकी विरासत आत्मनिर्भर भारत को प्रेरित करती रहेगी।”

भारतीय उद्योग को वैश्विक मंच तक पहुंचाने वाले नेतृत्वकर्ता

रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई। टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और टाटा पावर जैसे संस्थानों ने देश की औद्योगिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देते हुए भारतीय उद्योग को आत्मनिर्भरता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा की दिशा में आगे बढ़ाया।

परोपकार और मानवता के प्रतीक

रतन टाटा केवल एक उद्योगपति ही नहीं, बल्कि मानवता और समाजसेवा के प्रतीक भी रहे। शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, आपदा राहत और अनुसंधान के क्षेत्र में उनके योगदान ने करोड़ों लोगों के जीवन को बेहतर बनाया। टाटा ट्रस्ट्स के माध्यम से उन्होंने समाज के वंचित वर्गों तक विकास की रोशनी पहुंचाई।

युवाओं के लिए प्रेरणा

अमित शाह ने कहा कि रतन टाटा की जीवन यात्रा युवाओं के लिए एक आदर्श है, जो यह सिखाती है कि व्यवसाय में सफलता के साथ नैतिकता और संवेदनशीलता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। उनका जीवन इस बात का उदाहरण है कि राष्ट्र निर्माण में उद्योग जगत की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण हो सकती है।

आत्मनिर्भर भारत की प्रेरणास्रोत विरासत

रतन टाटा की सोच और कार्यशैली आज भी ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को मजबूती प्रदान करती है। उनका विश्वास था कि भारतीय कंपनियां नवाचार, गुणवत्ता और नैतिक मूल्यों के बल पर विश्व स्तर पर नेतृत्व कर सकती हैं।

राष्ट्र सदैव रतन टाटा जी के योगदान, मूल्यों और विरासत को कृतज्ञता के साथ स्मरण करता रहेगा।


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