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“भारत में औद्योगिक विकास, नवाचार और निवेश का नया युग: वर्ष 2025 की प्रमुख उपलब्धियाँ”

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उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजनाएँ

भारत को आत्मनिर्भर बनाने तथा विनिर्माण क्षमता एवं निर्यात बढ़ाने के उद्देश्य से 14 प्रमुख क्षेत्रों के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये के प्रावधान के साथ PLI योजनाएँ लागू की गईं।
जून 2025 तक इन योजनाओं के तहत 1.88 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वास्तविक निवेश प्राप्त हुआ है, जिससे 17 लाख करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त उत्पादन/बिक्री तथा 12.3 लाख (प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष) रोजगार सृजित हुए हैं।
PLI योजनाओं के अंतर्गत अब तक 7.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निर्यात दर्ज किए गए हैं, जिनमें इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल्स, दूरसंचार एवं फूड प्रोसेसिंग प्रमुख योगदानकर्ता रहे हैं।

स्टार्टअप इंडिया पहल

2016 में प्रारंभ की गई यह पहल भारत के स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूती प्रदान करने में निर्णायक रही है।
अब तक 2,01,335 स्टार्टअप्स को DPIIT द्वारा मान्यता दी जा चुकी है, जिन्होंने 21 लाख से अधिक रोजगार सृजित किए हैं।
नारी शक्ति की भागीदारी उल्लेखनीय रही है—भारत के 48% से अधिक स्टार्टअप्स में कम से कम एक महिला निदेशक है।

ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC)

ONDC का उद्देश्य भारत में ई-कॉमर्स का लोकतंत्रीकरण कर इसे सबके लिए सुलभ एवं समावेशी बनाना है।
अक्टूबर 2025 तक 326 मिलियन+ ऑर्डर संसाधित किए जा चुके हैं।
अक्तूबर 2025 में ही 1.82 करोड़ से अधिक ऑर्डर संसाधित हुए और औसत दैनिक लेन-देन लगभग 5.9 लाख तक पहुँच गए।

वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP)

समस्त जिलों में संतुलित क्षेत्रीय विकास के लिए प्रत्येक जिले के एक उत्पाद के चयन, ब्रांडिंग एवं प्रोमोशन का लक्ष्य।
अब तक 775 जिलों में 1240+ उत्पादों की पहचान की गई है।
पीएम एकता मॉल योजना के अंतर्गत 27 राज्यों के DPR स्वीकृत, जिनमें से 25 राज्यों में निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है।

ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस (EoDB)

DPIIT द्वारा BRAP, B-Ready Assessment, Jan Vishwas Act और Reducing Compliance Burden जैसे महत्त्वपूर्ण सुधार लागू किए जा रहे हैं।
अब तक BRAP के सात संस्करण लागू हो चुके हैं; आठवाँ संस्करण BRAP 2026 नवंबर 2025 को प्रारंभ किया गया।

  • 47,000 से अधिक अनुपालन बोझ कम किए गए

  • 16,108 सरलीकृत

  • 22,287 डिजिटाइज्ड

  • 4,458 अपराधमुक्त (decriminalized)

  • 4,270 निरर्थक अनुपालन समाप्त

नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम (NSWS):

20 नवंबर 2025 तक कुल 26,504 आवेदनों में से 11,568 स्वीकृतियाँ प्रदान की गईं।
कुल मिलाकर 11.75 लाख+ आवेदन, जिनमें से 8.29 लाख+ स्वीकृतियाँ दी गईं।

लॉजिस्टिक्स क्षेत्र

PM गति शक्ति—राष्ट्रीय मास्टर प्लान (NMP)

अक्टूबर 2021 में शुरू इस योजना में अब तक 57 मंत्रालय/विभाग, 1700 डेटा लेयर, तथा केंद्र व राज्यों के GIS डेटा सम्मिलित किए गए।
निजी क्षेत्र हेतु NMP प्लेटफॉर्म भी अब खुला है।

राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (NLP)

17 सितंबर 2022 को शुरू NLP का उद्देश्य लागत प्रभावी लॉजिस्टिक प्रणाली विकसित करना है।

  • कोयला क्षेत्र के लिए SPEL अधिसूचित

  • सीमेंट क्षेत्र स्वीकृत

  • स्टील, फार्मा, उर्वरक, खाद्य प्रसंस्करण और खाद्य-वितरण क्षेत्रों के SPEL अंतिम चरण में

  • 27 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश अपनी राज्य लॉजिस्टिक्स नीति अधिसूचित कर चुके हैं

ULIP – यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म

अब तक 11 मंत्रालयों की 44 प्रणालियों के 136 API जुड़े।
1700+ कंपनियाँ पंजीकृत, 200+ एप्लिकेशन विकसित।
20+ राज्यों की PDS प्रणाली ULIP का उपयोग कर रही है।

लॉजिस्टिक्स डेटा बैंक (LDB)

देश के 100% EXIM कंटेनरों की ट्रैकिंग; 18 पोर्ट, 31 टर्मिनल एवं FOIS के माध्यम से 5800 रेलवे स्टेशन शामिल।

राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (NICDP)

अब तक 13 राज्यों में 7 औद्योगिक गलियारों के अंतर्गत 20 परियोजनाएँ स्वीकृत।
2025 में प्रधानमंत्री द्वारा कृष्णापट्टनम, कोप्परथी और ओरवकल औद्योगिक क्षेत्रों की आधारशिला रखी गई।
अक्टूबर 2025 तक 4,552 एकड़ के 430 भूखंड आवंटित किए जा चुके हैं।

औद्योगिक उत्पादन एवं कोर सेक्टर

IIP (औद्योगिक उत्पादन सूचकांक) अप्रैल–सितंबर 2025–26 में 3% वृद्धि।
आठ कोर उद्योग, जिनका IIP में 40.27% भार है, ने अप्रैल–अक्टूबर 2025–26 में 2.5% वृद्धि दर्ज की।

बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) सशक्तिकरण

भारत शीर्ष 10 में—पेटेंट, ट्रेडमार्क और डिज़ाइन में।

  • 2024 में भारतीय पेटेंट आवेदनों में 19.1% वृद्धि

  • 2014–24 के बीच घरेलू पेटेंट फाइलिंग 425% वृद्धि

  • 2024 में विश्व में 4वाँ सर्वाधिक ट्रेडमार्क फाइलिंग

  • डिज़ाइन फाइलिंग में 43.2% वृद्धि; वैश्विक रैंक 11 से 7

  • 2021–24 में 25 लाख से अधिक विद्यार्थियों को IPR जागरूकता

भारत की ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) रैंकिंग 2015 के 81वें स्थान से बढ़कर 2025 में 38वाँ स्थान।

प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग ग्रुप (PMG)

PMG ₹500 करोड़ से अधिक निवेश वाली अवसंरचना परियोजनाओं की निगरानी हेतु एक केंद्रीय तंत्र है।
11 नवंबर 2025 तक:

  • कुल 3,022 परियोजनाएँ, मूल्य ₹76.4 लाख करोड़ पोर्टल पर

  • अब तक 1,761 परियोजनाओं में 8,121 बाधाएँ दूर

  • 2025 में 250 परियोजनाओं की 403 समस्याएँ सुलझीं

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI)

अप्रैल 2000 से जून 2025 तक भारत में USD 1.1 ट्रिलियन FDI प्रवाह।
वार्षिक FDI FY 2013-14 के USD 36.05 बिलियन से बढ़कर FY 2024-25 में USD 80.62 बिलियन।
2025–26 (जून 2025 तक) में USD 26.61 बिलियन, जो पिछले वर्ष से 17% अधिक है।
पिछले 11 वर्षों (2014–25) में USD 748.38 बिलियन FDI प्राप्त—पिछले दशक की तुलना में 143% वृद्धि।


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