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28वीं राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की बैठक और 22वीं प्रोजेक्ट एलीफेंट की स्टियरिंग कमिटी बैठक विशाखापत्तनम में सम्पन्न

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21 दिसंबर 2025 को सुंदरबन टाइगर रिज़र्व, पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की 28वीं बैठक और प्रोजेक्ट एलीफेंट की 22वीं स्टियरिंग कमिटी बैठक आयोजित की गई। इन बैठकों की अध्यक्षता केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने की। इस अवसर पर वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, वैज्ञानिक, बाघ और हाथी क्षेत्रों के विशेषज्ञ तथा प्रमुख संरक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। बैठक का उद्देश्य प्रोजेक्ट टाइगर और प्रोजेक्ट एलीफेंट की प्रगति की समीक्षा करना और भारत में बाघों और हाथियों के संरक्षण के लिए भविष्य की रणनीतियों पर विचार-विमर्श करना था।

NTCA बैठक:

भूपेन्द्र यादव ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए भारत के वैश्विक रूप से मान्यता प्राप्त बाघ संरक्षण मॉडल पर प्रकाश डाला और विज्ञान-आधारित प्रबंधन, परिदृश्य स्तर की योजना, समुदाय की भागीदारी, अंतर-राज्य समन्वय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व पर जोर दिया।

27वीं बैठक के मिनट्स की पुष्टि की गई और उसमें लिए गए निर्णयों पर कार्रवाई की समीक्षा की गई। चार क्षेत्रीय बैठकों के परिणामों पर चर्चा हुई, जिसमें बाघ रिज़र्वों की प्रमुख चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया। मानव–बाघ संघर्ष को कम करने के उपायों पर चर्चा हुई, जिसमें तीन-तरफा रणनीति और “बाघ रिज़र्व के बाहर बाघों का प्रबंधन” परियोजना का शुभारंभ शामिल था। साथ ही स्टाफ की कमी, वित्तीय बाधाएँ, आवासीय विघटन और आक्रामक प्रजातियों के प्रबंधन से संबंधित मुद्दों की समीक्षा की गई और राज्यों तथा संबंधित प्राधिकरणों को उचित कार्रवाई के निर्देश दिए गए।

बैठक ने NTCA की तकनीकी समिति की बैठकों के निर्णयों को अनुमोदित किया, जिनमें बाघ संरक्षण योजनाओं का अनुमोदन, प्रोजेक्ट चीताह का विस्तार और वृद्धि, बाघों का स्थानांतरण, शिकार प्रजातियों की वृद्धि, परिदृश्य प्रबंधन योजना, मांसाहारी स्वास्थ्य प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम और राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) को परियोजना प्रस्तावों पर NTCA की सिफारिशें शामिल हैं।

बैठक में 7वीं राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड द्वारा NTCA को दिए गए निर्देशों का अनुपालन, प्रोजेक्ट चीताह का गुजरात के गांधीसागर वन्य अभयारण्य और बन्नी घासभूमि में विस्तार, CAMPA द्वारा समर्थित पहलों की प्रगति और प्रस्तावित ग्लोबल बिग कैट समिट की तैयारियों की समीक्षा की गई।

मंत्री ने NTCA की प्रमुख चल रही गतिविधियों की समीक्षा की, जिसमें सिक्स्थ साइकिल ऑल इंडिया टाइगर एस्टिमेशन, विभिन्न क्षेत्रों में परिदृश्य स्तर के प्रशिक्षण कार्यक्रम, नवंबर 2025 से शुरू हुए ग्राउंड सर्वे और प्रोजेक्ट चीताह के तहत अंतर्राष्ट्रीय सहयोग (दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया और बोत्सवाना से प्रतिनिधिमंडलों के दौरे सहित) शामिल हैं। बैठक ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी संज्ञान लिया और इसके बाघ संरक्षण और प्रबंधन पर प्रभाव पर विचार किया।


प्रोजेक्ट एलीफेंट स्टियरिंग कमिटी बैठक:

बैठक की शुरुआत 21वीं स्टियरिंग कमिटी बैठक के एक्शन टेकन रिपोर्ट की पुष्टि से हुई, इसके बाद स्टियरिंग कमिटी सदस्यों और स्थायी आमंत्रितों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चर्चा की गई।

दक्षिण भारत और उत्तर-पूर्व भारत में हाथी संरक्षण के क्षेत्रीय कार्य योजनाओं की स्थिति प्रस्तुत की गई, जिसमें हाथी क्षेत्र राज्यों द्वारा की गई प्रगति और समन्वित अंतर-राज्यीय कार्रवाई के प्राथमिक क्षेत्र चिन्हित किए गए।

ऑल-इंडिया सिंक्रोनाइज्ड एलीफेंट एस्टिमेशन पर अपडेट प्रस्तुत किया गया, जो साक्ष्य-आधारित योजना और निर्णय लेने के लिए महत्वपूर्ण है। नीलगिरी हाथी रिज़र्व के लिए मॉडल एलीफेंट संरक्षण योजना और पालतू हाथियों के DNA प्रोफाइलिंग पर चल रहे कार्यों पर भी चर्चा हुई, जिसमें वैज्ञानिक प्रबंधन और कल्याण मानकों को सुदृढ़ करने पर जोर दिया गया।

मानव–हाथी संघर्ष की स्थिति की व्यापक समीक्षा की गई। समिति ने संघर्ष के कारणों और शमन उपायों पर चल रहे अध्ययन के निष्कर्षों पर चर्चा की, साथ ही हाथी क्षेत्र राज्यों द्वारा अपनाए गए मुआवजा तंत्र की स्थिति और पर्याप्तता का मूल्यांकन किया।

बैठक में हाथी आबादी के अनुमान के तरीकों, रिपु–चिरांग हाथी रिज़र्व के लिए समेकित संरक्षण और प्रबंधन रणनीतियों की प्रगति और भविष्य की कार्य योजनाओं पर भी विचार किया गया। इसमें CAMPA फंडिंग सहायता के साथ सभी हाथी रिज़र्वों के लिए मैनेजमेंट इफेक्टिवनेस इवैल्यूएशन और बांधवगढ़ क्षेत्र में हाथी मार्गों, आवास उपयोग और संघर्ष हॉटस्पॉट पर प्रस्तावित अध्ययन शामिल हैं।

स्टियरिंग कमिटी ने भारत सरकार की विज्ञान-आधारित संरक्षण, अंतर-राज्य समन्वय, तकनीकी नवाचार और समुदाय-केंद्रित दृष्टिकोणों के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराया, ताकि हाथियों और हाथी निवास क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए सतत भविष्य सुनिश्चित किया जा सके।

इस अवसर पर भूपेन्द्र यादव ने छह प्रकाशन जारी किए। इनमें शामिल हैं:

  • Project Cheetah in India – वैज्ञानिक प्रबंधन और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से प्रोजेक्ट चीताह की प्रगति


  • STRIPES (NTCA का आउटरीच जर्नल) – आधुनिक तकनीक, बाघों का विसरण और ऑल इंडिया टाइगर एस्टिमेशन की छठी साइकिल

  • NTCA बुकलेट – भारत के बाघ संरक्षण ढांचे और संस्थागत मील के पत्थरों का दस्तावेजीकरण

  • Tigerverse – Little-known facts from India’s Tiger Reserves – बाघ रिज़र्व से जैवविविधता, संस्कृति और संरक्षण कहानियाँ

  • Best Practices in Captive Elephant Management – हाथी परिचालकों के लिए

  • TRUMPET Quarterly Journal (दिसंबर 2025 अंक)

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