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G20 शिखर सम्मेलन के लिए जोहान्सबर्ग पहुँचे PM मोदी, ग्रैंड वेलकम में जमीन पर लेटकर किया गया प्रणाम

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 जोहान्सबर्ग। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका की ऐतिहासिक मेजबानी में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने शुक्रवार को जोहान्सबर्ग पहुंचे। यह पहली बार है जब अफ्रीकी महाद्वीप कोई जी20 शिखर सम्मेलन आयोजित कर रहा है, जिसके कारण यह बैठक दक्षिण अफ्रीका और राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के लिए विशेष महत्व रखती है।


मोदी का विमान गौतेंग स्थित वाटरलूफ़ एयरफोर्स बेस पर उतरा, जहाँ उनका पारंपरिक रीति से स्वागत किया गया। कलाकारों ने भूमि-नमन की प्रथा सहित सांस्कृतिक गीत और नृत्य प्रस्तुत कर प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने प्रस्थान से पहले कहा कि - “जोहान्सबर्ग में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन विशेष है, क्योंकि यह अफ्रीका में आयोजित हो रहा है। विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा तथा मैं ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ और ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के दृष्टिकोण के अनुरूप भारत का प्रतिनिधित्व करूँगा।”

प्रधानमंत्री की व्यस्त कूटनीतिक दिनचर्या

शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी कई राष्ट्र प्रमुखों से द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे। वे भारत–ब्राज़ील–दक्षिण अफ्रीका के त्रिपक्षीय समूह आईबीएसए के छठे शिखर सम्मेलन में भी शामिल होंगे।

PM मोदी तीन मुख्य सत्रों को संबोधित करेंगे—

  • समावेशी और सतत आर्थिक विकास
  • एक लचीला विश्व—G20 का योगदान
  • सभी के लिए निष्पक्ष भविष्य

इनमें जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा, आपदा जोखिम कमी, महत्वपूर्ण खनिज, रोजगार और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी।

ब्रिक्स और वैश्विक समीकरणों के बीच दक्षिण अफ्रीका की भूमिका

दक्षिण अफ्रीका BRICS समूह का एक अहम सदस्य है और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के प्रभाव को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा रहा है। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच रणनीतिक साझेदारी लंबे समय से मजबूत रही है। पीएम मोदी और राष्ट्रपति रामाफोसा के बीच कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर निकटता देखी गई है।

अमेरिका–दक्षिण अफ्रीका संबंधों पर छाया तनाव

हाल ही में अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका के बीच कई मुद्दों पर मतभेद देखे गए हैं, जिन पर वैश्विक राजनीति में चर्चा होती रही है। इसी पृष्ठभूमि में राष्ट्रपति रामाफोसा का अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बढ़ता प्रभाव कई पश्चिमी देशों की चिंता का कारण रहा है।

इस कूटनीतिक माहौल के बीच PM मोदी और राष्ट्रपति रामाफोसा की मुलाकात महत्वपूर्ण मानी जा रही है। दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, रक्षा एवं बहुपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने की संभावनाएँ जताई जा रही हैं।

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