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कामगारों के लिए बड़ा बदलाव! 1 साल में Gratuity, Double Overtime और Digital Compliance शुरू

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 नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शुक्रवार 21 नवंबर को देश में एक साथ चार नए श्रम संहिता (Labour Codes) लागू कर दिए। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कामगारों के हित में उठाया गया “ऐतिहासिक और श्रमिक-केंद्रित सुधार” करार दिया।


प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा—“आज हमारी सरकार ने चार लेबर कोड लागू कर दिए। यह आज़ादी के बाद से सबसे बड़े और प्रगतिशील श्रमिक-केंद्रित सुधारों में से एक है। इससे कामगार सशक्त होंगे, नियम पालन आसान होगा और Ease of Doing Business को बढ़ावा मिलेगा।”


सरकार का मानना है कि यह सुधार आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मील का पत्थर है। दशकों पुराने 29 जटिल और बिखरे हुए श्रम कानून समाप्त होकर अब चार सरल और आधुनिक कोड में बदल दिए गए हैं। इनका उद्देश्य श्रमिकों को अधिकार, सुरक्षा और गरिमा देना है, साथ ही उद्योगों को प्रतिस्पर्धी वातावरण उपलब्ध कराना है।

चार लेबर कोड में क्या है खास?

सरकार ने 29 केंद्रीय श्रम कानूनों को समाहित कर चार नए कोड लागू किए हैं:

1. नियुक्ति पत्र अनिवार्य

अब हर श्रमिक को नौकरी जॉइन करते समय Appointment Letter देना नियोक्ता के लिए अनिवार्य होगा। इससे कार्य की शर्तें और अधिकार स्पष्ट होंगे।

2. पूरे देश में न्यूनतम वेतन

देशभर में मिनिमम वेज लागू होगा। कोई भी वेतन इससे कम नहीं दिया जा सकेगा।

3. समय पर वेतन भुगतान अनिवार्य

कर्मचारियों को समय पर सैलरी देने का कानूनी प्रावधान होगा। देरी करने पर नियोक्ता पर कार्रवाई होगी।

4. स्वास्थ्य और सुरक्षा

  • 40 वर्ष से ऊपर के सभी श्रमिकों का निःशुल्क वार्षिक स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य।
  • एक राष्ट्रीय OSH बोर्ड बनाया जाएगा, जो सभी उद्योगों में एकसमान सुरक्षा मानक लागू करेगा।

5. महिलाओं के लिए समान अवसर

अब महिलाएँ रात की शिफ्ट में काम कर सकेंगी, बशर्ते सुरक्षा उपाय पुख़्ता हों और उनकी सहमति हो।

6. गिग वर्कर्स और अनौपचारिक श्रमिकों को कानूनी पहचान

पहली बार गिग वर्कर्स, प्लेटफ़ॉर्म वर्कर्स और प्रवासी मजदूरों को

  • PF,
  • बीमा,
  • पेंशन जैसी सामाजिक सुरक्षा सुविधाएँ मिल सकेंगी।
    कंपनियों को इनके लिए योगदान देना होगा।

7. आसान कानूनी अनुपालन

पहले की तरह कई रजिस्ट्रेशन और रिपोर्टिंग की जरूरत नहीं। अब

  • सिंगल लाइसेंस,
  • सिंगल रिटर्न मॉडल,
    से कंपनियों का Compliance बोझ घटेगा।

1 साल की नौकरी पर भी ग्रैच्युटी—FTE कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत

नए नियमों के तहत Fixed Term Employees (FTE) को अब सिर्फ एक साल की सेवा पर ही ग्रैच्युटी मिल सकेगी।

पहले इसके लिए एक ही कंपनी में लगातार 5 साल नौकरी करना जरूरी था।

ओवरटाइम पर दोगुना वेतन

नई व्यवस्था में

  • तय कार्य घंटे से अधिक काम पर Double Wages अनिवार्य होंगे।
  • वेतन में किसी भी तरह की देरी पर कड़े प्रावधान लागू होंगे, ताकि कर्मचारियों को आर्थिक तनाव न झेलना पड़े।
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