Responsive Ad Slot

Latest

latest


 

विश्व टेलीविजन दिवस 2025: भारत में प्रसारण के विकास, प्रभाव और डिजिटल परिवर्तन की यात्रा

Document Thumbnail

मुख्य बिंदु

  • भारत का टेलीविजन नेटवर्क 23 करोड़ घरों में 90 करोड़ दर्शकों तक पहुँचता है।

  • मार्च 2025 तक 918 निजी उपग्रह चैनल संचालित—भारत के जीवंत प्रसारण तंत्र का प्रतिबिंब।

  • 6.5 करोड़ DD Free Dish परिवार—डिजिटल समावेशन और निःशुल्क सार्वजनिक प्रसारण को बढ़ावा।



परिचय

विश्व टेलीविजन दिवस हर वर्ष 21 नवंबर को वैश्विक स्तर पर मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1996 में पारित एक प्रस्ताव के माध्यम से इस दिवस को मान्यता दी थी, जो टेलीविजन की भूमिका—सूचना प्रसारण, जनशिक्षा, जनमत निर्माण और वैश्विक समझ को बढ़ावा देने—का सम्मान करता है।

भारत में, जहाँ 23 करोड़ से अधिक टीवी घरों के माध्यम से लगभग 90 करोड़ दर्शक जुड़े हैं, यह दिवस सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) और इसके सार्वजनिक प्रसारण नेटवर्क प्रसार भारती के अंतर्गत मनाया जाता है। दूरदर्शन और आकाशवाणी द्वारा आयोजित गतिविधियाँ टीवी की सार्वजनिक सेवा संचार, विकास संदेशों के प्रसार और राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती हैं।

टेलीविजन आज भी भारत में सूचना एवं मनोरंजन का एक प्रभावी माध्यम है, जो करोड़ों लोगों को जोड़ते हुए सार्वजनिक जागरूकता और सहभागी शासन के लक्ष्यों को आगे बढ़ाता है।

क्या आप जानते हैं?

भारत का मीडिया एवं मनोरंजन (M&E) क्षेत्र ने 2024 में अर्थव्यवस्था में ₹2.5 लाख करोड़ का योगदान दिया और 2027 तक ₹3 लाख करोड़ से अधिक होने का अनुमान है। अकेले टेलीविजन एवं प्रसारण खंड ने 2024 में लगभग ₹68,000 करोड़ उत्पन्न किए। यह वृद्धि डिजिटल विस्तार, 4K प्रसारण, स्मार्ट टीवी, 5G और 60 करोड़ से अधिक OTT उपभोक्ताओं से संचालित है।

भारत में टेलीविजन का विकास

भारत में टेलीविजन की यात्रा एक सीमित प्रयोगात्मक सेवा से दुनिया के सबसे बड़े प्रसारण नेटवर्क में से एक बनने तक फैली है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के मार्गदर्शन में यह यात्रा 1950 के दशक के सामुदायिक शिक्षा प्रसारण से आज के पूर्णत: डिजिटाइज्ड, मल्टी-चैनल वातावरण तक पहुँची है।

प्रयोगात्मक एवं आधारभूत चरण (1959–1965)

15 सितंबर 1959 को यूनESCO के सहयोग से आकाशवाणी (AIR) के अंतर्गत टीवी प्रसारण शुरू हुआ। प्रसारण दिल्ली तक सीमित था और मुख्यतः शिक्षा एवं ग्रामीण विकास पर केंद्रित था।

विस्तार एवं संस्थागत विकास (1965–1982)

1965 में नियमित प्रसारण शुरू हुआ और दूरदर्शन की स्थापना हुई। देशभर में नए टीवी केंद्रों के निर्माण से टीवी एक राष्ट्रीय सेवा माध्यम बन गया।
1975–76 में ISRO–NASA का SITE प्रयोग ग्रामीण विकास संचार में ऐतिहासिक कदम था, जिसने 2,400 गाँवों तक सीधे शैक्षिक प्रसारण पहुँचाया।

रंगीन टीवी और राष्ट्रीय कवरेज (1982–1990)

1982 एशियाई खेलों के साथ रंगीन टीवी की शुरुआत हुई। 1990 तक दूरदर्शन ने भारत की 70% आबादी और 80% क्षेत्र को कवर किया।

उदारीकरण और सैटेलाइट युग (1991–2011)

STAR TV, ZEE TV, Sony जैसे निजी चैनलों के आगमन ने भारतीय टीवी उद्योग को बदल दिया।
2004 में DD Direct Plus—भारत की पहली निःशुल्क DTH सेवा—शुरू की गई।

क्या आप जानते हैं?

23 नवंबर 1997 को प्रसार भारती अधिनियम पूर्ण लागू हुआ, जिससे दूरदर्शन और AIR को एक स्वायत्त निगम के तहत लाया गया।

डिजिटलीकरण एवं आधुनिक प्रसारण (2012–वर्तमान)

2012–17 के दौरान केबल टीवी डिजिटलीकरण लागू किया गया।
DD Free Dish आज लगभग 5 करोड़ से अधिक घरों तक पहुँचती है, जो इसे भारत का सबसे बड़ा फ्री-टू-एयर प्लेटफॉर्म बनाता है।

शिक्षा में टेलीविजन की भूमिका

दूरदर्शन और DD Free Dish ने शिक्षा, कौशल विकास और शिक्षक प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है—विशेषकर ग्रामीण एवं दूरदराज क्षेत्रों में।

COVID-19 के दौरान शैक्षिक प्रसारण

स्कूल बंद रहने पर टीवी आधारित पाठ्य सामग्री ने लाखों छात्रों तक शिक्षा पहुँचाई।

PM e-Vidya पहल

  • “One Class – One Channel”: कक्षा 1 से 12 तक 12 समर्पित DTH चैनल

  • SWAYAM, DIKSHA, NCERT के साथ एकीकृत

  • इंटरनेट न होने वाले छात्रों तक भी पहुँच सुनिश्चित

SWAYAM Prabha 24×7 उच्च-गुणवत्ता वाले शैक्षिक चैनल GSAT उपग्रहों के माध्यम से प्रसारित करता है।

दर्शक संख्या और सामाजिक-आर्थिक प्रभाव

31 मार्च 2025 तक:

  • 918 निजी उपग्रह टीवी चैनलों को MIB से अनुमति

  • 908 चैनल डाउनलिंकिंग के लिए उपलब्ध

  • 333 पेड टीवी चैनल (232 SD + 101 HD)

टीवी रोजगार, जानकारी पहुँच, सरकारी योजनाओं के प्रसार और सांस्कृतिक विविधता के लिए महत्वपूर्ण माध्यम बना हुआ है।

भारतीय टीवी में तकनीक एवं नवाचार

डिजिटल टेरेस्ट्रियल ट्रांसमिशन (DTT)

DVB-T2 मानक के उपयोग ने:

  • बेहतर चित्र गुणवत्ता

  • मोबाइल रिसेप्शन

  • एक ही फ़्रीक्वेंसी पर कई चैनलों का प्रसारण

जैसी सुविधाएँ प्रदान कीं।

DD Free Dish का विस्तार

2014 में 59 चैनलों से 2025 में 482 चैनल तक—अभूतपूर्व वृद्धि।

MPEG-2 और MPEG-4 दोनों प्रारूपों में सेवाएँ उपलब्ध हैं।

नियामकीय सुधार

TRAI की नई अनुशंसाएँ प्रसारण और दूरसंचार के एकीकृत ढाँचे को सुदृढ़ कर रही हैं, OTT और मल्टी-प्लेटफ़ॉर्म वितरण को सक्षम बनाते हुए।

निष्कर्ष

भारत का टेलीविजन परिदृश्य आज डिजिटल नवाचार, बहुभाषी सामग्री और समावेशी पहुँच के नए युग में प्रवेश कर चुका है।
उच्च-परिभाषा प्रसारण, सैटेलाइट विस्तार और उभरते AI-आधारित उपकरण—सभी टीवी को और अधिक सहभागी, सुलभ और प्रभावशाली बना रहे हैं।

1959 के छोटे प्रयोग से लेकर आज 90 करोड़ दर्शकों को जोड़ने वाले राष्ट्रीय माध्यम तक, टेलीविजन भारत के विकास का दर्पण और संदेशवाहक बना हुआ है—एक सूचित, समावेशी और सशक्त भारत की दिशा में।


Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.