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आरंग की मिट्टी की खुशबू,देश में फैला रहें है शिक्षा का उजियारा

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परिस्थितियों से बड़ी ताकत, संकल्प की होती है मुरली 

थिंक आईएएस से 22 छात्रों का हुआ सीजी पीएससी में चयन 

आरंग- महानदानी मोरध्वज नगरी आरंग का नाम अब शिक्षा के क्षेत्र में भी एक अलग पहचान बना रहा है। आरंग नगर के लाल थिंक आईएएस कोचिंग के संस्थापक मुरली मनोहर देवांगन, आरंग के साधारण कृषक परिवार में जन्मे, आज देश के युवाओं के मार्गदर्शक के रूप में जानें पहचाने जाते हैं। उन्होंने शिक्षा के प्रकाश पुंज से देश के साथ-साथ अपनी मातृभूमि का नाम भी रोशन कर रहे हैं।

साधारण कृषक परिवार में जन्मे मुरलीमनोहर ने सीमित संसाधनों के बीच बड़े सपने देखे। पिता किसान और बड़े भाई नेवी अधिकारी तथा सहायक प्राध्यापक होने के कारण अनुशासन, परिश्रम और साहस उन्हें बचपन से ही संस्कार में मिला। स्थानीय शासकीय विद्यालय से शिक्षा शुरू कर देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में उच्च शिक्षा प्राप्त करना उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रमाण तथा उनके परिवार के विश्वास ही था। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ और यूपीएससी की कोचिंग देना शुरू किया। आज उनके द्वारा मार्गदर्शित 150 से अधिक छात्र-छात्राएं देश के अलग अलग राज्यों में प्रशासनिक सेवाओं में कार्यरत हैं। इस वर्ष भी उनके संस्थान से 22 छात्रों का चयन सीजी पीएससी में प्रशासनिक अधिकारी के पद पर चयन हुआ है, जिनमें कुछ छात्रों ने तो दूसरे और चौथे रैंक जैसे उच्च स्थान हासिल किए हैं।

मुरली ने शिक्षा के क्षेत्र में अपने योगदान से बस्तर और दूरस्थ आदिवासी क्षेत्रों में “नन्हें कदम” अभियान चलाया, जिससे अनेक आदिवासी युवा भी ने प्रशासनिक परीक्षाओं के प्रति उन्मुख होकर परीक्षा में शामिल हुए।

वे विजन 2047, जनजातीय नीति, नक्सल सरेंडर पॉलिसी, और सीजी पीएससी सुधार समिति में राज्य सरकार के साथ विभिन्न क्षेत्र में भी उल्लेखनीय योगदान दे रहें हैं।वह एक प्रख्यात शिक्षाविद् , वक्ता और युवाओं के रोल माडल रूप में भी अपनी खास पहचान बना रहे हैं।

अब तक वह सैकड़ों कैरियर गाइडेंस कार्यक्रमों में मुख्य वक्ता रहकर लोगों को उच्च शिक्षा व प्रशासनिक पदों के लिए प्रेरित कर चुके हैं।साथ ही चर्चित स्वयंसेवी सामाजिक संस्था पीपला वेलफेयर फाउंडेशन  में भी मार्गदर्शक सदस्य की भूमिका निभा कर आरंग क्षेत्र में भी जगह जगह कैरियर गाइडेंस कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षा का अलख जगा रहे हैं। वहीं उनके शिक्षा के प्रति समर्पण और उपलब्धियों के लिए फाउंडेशन के सदस्यों ने हर्ष व्यक्त करते हुए सोसल मीडिया में बधाई दे रहे हैं।

उनका कहना है:

"शिक्षा केवल ज्ञान का माध्यम नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र निर्माण की सबसे मजबूत नींव है।" और परिस्थितियों से बड़ी ताकत, संकल्प की होती है।आज वे छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए प्रेरणा, मार्गदर्शक और एक सच्चे नेशन बिल्डर के रूप में उभरकर सामने आए हैं।

वहीं आरंग के लिए बेहतर और स्वर्णिम भविष्य हेतु सदैव तत्परता एवं समर्पण उनके मातृप्रेम को दर्शाता है।

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