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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नैनीताल राजभवन की स्थापना के 125 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित समारोह में की शिरकत

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भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (3 नवम्बर, 2025) उत्तराखंड के नैनीताल स्थित राजभवन की स्थापना के 125 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि जिस प्रकार स्वतंत्र भारत में राष्ट्रपति भवन गणराज्य का प्रतीक है, उसी प्रकार राजभवन राज्यों में लोकतांत्रिक व्यवस्था का प्रतीक हैं। इस प्रकार उत्तराखंड राज्य के गठन के बाद यह भवन उत्तराखंड की प्रगति का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि संसदीय प्रणाली में राज्यपाल राज्य की शासन व्यवस्था के संवैधानिक प्रमुख होते हैं। संविधान निर्माताओं ने गहन विचार-विमर्श के बाद राज्यपाल के अधिकारों और कर्तव्यों का निर्धारण किया था। राज्य की जनता राजभवन को एक आदरणीय स्थान के रूप में देखती है। इसलिए, राज्यपाल की टीम के सभी सदस्यों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे सादगी, विनम्रता, नैतिकता और संवेदनशीलता के आदर्शों को अपनाएँ।

राष्ट्रपति ने यह जानकर प्रसन्नता व्यक्त की कि अपनी स्थापना के बाद से उत्तराखंड राज्य ने निरंतर प्रगति और समृद्धि की एक उल्लेखनीय यात्रा तय की है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राज्यपाल और उनकी टीम राज्य के निवासियों को अमूल्य प्रेरणा देती रहेगी और उत्तराखंड निरंतर प्रगति करता रहेगा।


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