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रेड सैंडर्स संरक्षण हेतु भारत की सबसे बड़ी ABS पहल

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भारत के जैव-विविधता संरक्षण प्रयासों को बड़ा प्रोत्साहन देते हुए, राष्ट्रीय जैव-विविधता प्राधिकरण (NBA) ने प्रतिष्ठित रेड सैंडर्स के संरक्षण हेतु आंध्र प्रदेश वन विभाग को ₹38.36 करोड़ और आंध्र प्रदेश राज्य जैव-विविधता बोर्ड को ₹1.48 करोड़ जारी किए हैं। इसके साथ ही भारत के एक्सेस एंड बेनिफिट शेयरिंग (ABS) वितरण ₹110 करोड़ के प्रभावशाली स्तर को पार कर चुके हैं, जो देश में जैव-विविधता आधारित सबसे बड़े लाभ-साझेदारी वितरणों में से एक है।

विश्वभर में अपनी गहरी लाल लकड़ी के लिए विख्यात रेड सैंडर्स प्राकृतिक रूप से केवल पूर्वी घाट के चुनिंदा क्षेत्रों में, विशेषकर आंध्र प्रदेश के अनंतपुर, चित्तूर, कडप्पा, प्रकाशम और कुरनूल जिलों में पाई जाती है। आंध्र प्रदेश वन विभाग द्वारा नीलाम या जब्त रेड सैंडर्स लकड़ी तक विनियमित पहुंच के माध्यम से कुल ₹87.68 करोड़ की लाभ-साझेदारी राशि उत्पन्न की गई।

अब तक, NBA ने रेड सैंडर्स के संरक्षण, सुरक्षा और अनुसंधान हेतु आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, ओडिशा के वन विभागों और आंध्र प्रदेश राज्य जैव-विविधता बोर्ड को ₹49 करोड़ से अधिक जारी किए हैं। इसके अलावा, आंध्र प्रदेश के 198 किसानों को ₹3 करोड़ और तमिलनाडु के 18 किसानों को ₹55 लाख वितरित किए गए हैं।

आंध्र प्रदेश वन विभाग को जारी वर्तमान ₹38.36 करोड़ की राशि अग्रिम पंक्ति के वन कर्मचारियों को सशक्त करेगी, संरक्षण उपायों को बढ़ाएगी, रेड सैंडर्स वनों के वैज्ञानिक प्रबंधन को प्रोत्साहित करेगी, जैव-विविधता प्रबंधन समितियों के माध्यम से आजीविका के अवसर बढ़ाएगी और दीर्घकालिक निगरानी कार्यक्रम को मजबूत करेगी — जो इस प्रतिष्ठित प्रजाति के उज्जवल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इसके अलावा, NBA ने आंध्र प्रदेश जैव-विविधता बोर्ड द्वारा ₹2 करोड़ की लागत से एक लाख रेड सैंडर्स पौध तैयार करने की एक बड़ी पहल को भी मंजूरी दी है। प्रारंभिक राशि पहले ही जारी की जा चुकी थी, और शेष ₹1.48 करोड़ अब बोर्ड को हस्तांतरित कर दिए गए हैं। ये पौधे बाद में किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे वन क्षेत्र के बाहर पेड़ (ToF) कार्यक्रम को बल मिलेगा और इस दुर्लभ प्रजाति को उसके प्राकृतिक आवास के बाहर भी संरक्षित करने में मदद मिलेगी।

यह ऐतिहासिक पहल स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि एक्सेस एंड बेनिफिट शेयरिंग किस प्रकार भारत की जैव-विविधता उपलब्धियों को सीधे समर्थन दे सकता है, वैश्विक जैव-विविधता सिद्धांतों को प्रभावी रूप से लागू करने में भारत के नेतृत्व को उजागर कर सकता है, तथा संरक्षण-आधारित लाभों को स्थानीय समुदायों, किसानों और जैव-विविधता संरक्षकों तक पहुंचा सकता है। NBA राज्य जैव-विविधता बोर्डों, वन विभागों, जैव-विविधता प्रबंधन समितियों और स्थानीय हितधारकों के साथ मिलकर आने वाली पीढ़ियों के लिए भारत की समृद्ध जैव-विविधता धरोहर की रक्षा के लिए कार्य करता रहेगा।


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