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छत्तीसगढ़ में लाल आतंक ढहा - 140 नक्सलियों का ऐतिहासिक सरेंडर

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रायपुर : छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलवाद के खिलाफ अभूतपूर्व जीत दर्ज हुई है। कुख्यात नक्सली नेता भूपति, जिस पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित था, ने अपने गैंग के साथ आत्मसमर्पण कर दिया है। भूपति के साथ 140 से अधिक नक्सलियों ने हथियार डालने का निर्णय लिया है।


यह देश के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा नक्सली आत्मसमर्पण माना जा रहा है। सभी नक्सलियों को बीजापुर से जगदलपुर लाया जा रहा है, जहां 17 अक्टूबर को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मौजूदगी में औपचारिक रूप से आत्मसमर्पण कराया जाएगा।


भूपति गैंग का अंत - प्रवक्ता रूपेश भी सरेंडर की राह पर

इस ऐतिहासिक आत्मसमर्पण में दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) के प्रवक्ता रूपेश उर्फ सतीश का नाम भी शामिल है, जो नक्सली संगठन की रणनीति तय करने में अहम भूमिका निभाता रहा है।

सूत्रों के अनुसार, यह समूह बीजापुर के पुलिस अधिकारियों और सुरक्षा बलों से संवाद के बाद आत्मसमर्पण के लिए तैयार हुआ। वर्तमान में ये सभी इंद्रावती नदी के उसपरी घाट पर डेरा डाले हुए हैं और 100 से अधिक हथियारों के साथ आत्मसमर्पण की प्रक्रिया में हैं।

जगदलपुर में कड़ी सुरक्षा, पुलिस-CRPF ने संभाला मोर्चा

इतिहास के इस सबसे बड़े आत्मसमर्पण कार्यक्रम को देखते हुए पुलिस, CRPF, कोबरा और DRG के जवानों को बीजापुर से जगदलपुर तक तैनात किया गया है। पूरा इलाका हाई अलर्ट पर है और आत्मसमर्पण स्थल पर विशेष सुरक्षा घेरा बनाया गया है। गृहमंत्री विजय शर्मा बोले "लाल आतंक का अंत, बस्तर की नई शुरुआत"

उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा,-

“हम नक्सलियों का रेड कार्पेट बिछाकर स्वागत करेंगे। बस्तर की जनता अब लाल आतंक से मुक्ति चाहती है। यह आत्मसमर्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रहे विकास कार्यों और हमारी सरकार की नीतियों का परिणाम है।”

उन्होंने कहा कि इस कदम से नक्सली संगठनों की रीढ़ टूट जाएगी और शेष नक्सलियों के पास आत्मसमर्पण के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।

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