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विश्व खाद्य दिवस 2025: FAO के 80 वर्षों और भारत की कृषि सफलता का उत्सव

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कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव, डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने विश्व खाद्य दिवस 2025 के अवसर पर मुख्य भाषण दिया। यह अवसर संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) की 80वीं वर्षगांठ का भी प्रतीक था।

मुख्य बिंदु:

  • FAO के साथ साझेदारी और योगदान:
    डॉ. चतुर्वेदी ने FAO की तकनीकी विशेषज्ञता और मंत्रालय के साथ उनके सतत सहयोग की सराहना की, जिसने भारत को खाद्य अनाज में आत्मनिर्भर बनाने, फसल विविधीकरण बढ़ाने और नवाचार व सतत प्रथाओं के माध्यम से किसानों की क्षमता बढ़ाने में मदद की।

  • भारत की खाद्य सुरक्षा यात्रा:
    स्वतंत्रता के समय खाद्य घाटे वाले देश से भारत ने 1.4 अरब लोगों के लिए भोजन उपलब्ध कराने वाला खाद्य-उत्पादक देश बनने का मार्ग तय किया। यह बदलाव दूरदर्शी नीतियों, वैज्ञानिक नवाचार और FAO के साथ मजबूत अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से संभव हुआ।

  • पारंपरिक और आधुनिक कृषि का संतुलन:
    भारत ने राष्ट्रीय खाद्य आत्मनिर्भरता हासिल की और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और सार्वजनिक भंडारण जैसे तंत्रों के माध्यम से 8 करोड़ से अधिक लोगों के लिए सुलभ खाद्य उपलब्धता सुनिश्चित की।

  • लघु और सीमांत किसान:
    भारत के 1.46 करोड़ छोटे और सीमांत खेत ग्रामीण आजीविका की रीढ़ हैं। तनाव-सहिष्णु बीज, सस्ती क्रेडिट, फसल बीमा और जलवायु-स्मार्ट प्रथाओं के लक्षित हस्तक्षेपों ने उत्पादकता, लचीलापन और आय बढ़ाई।

  • सतत कृषि और डिजिटल पहलें:
    सूक्ष्म सिंचाई, एकीकृत एवं प्राकृतिक खेती, जैविक कृषि और AgriStack जैसे डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना से किसानों को तकनीक और वास्तविक समय डेटा उपलब्ध कराया जा रहा है।

  • FAO की पुस्तक का विमोचन:
    Sowing Hope, Harvesting Success” नामक FAO की कॉफी टेबल बुक जारी की गई, जिसमें FAO की भारत में आठ दशक लंबी यात्रा और कृषि व संबंधित क्षेत्रों में उनके मील के पत्थर दिखाए गए हैं।
  • आंतरराष्ट्रीय सहभागिता:
    कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र के भारत स्थित रेज़िडेंट कोऑर्डिनेटर श्री शॉम्बी शार्प और FAO के भारत प्रतिनिधि तकायुकी हागिवारा उपस्थित थे।

  • भविष्य की दिशा:
    डॉ. चतुर्वेदी ने कहा कि वैश्विक खाद्य चुनौतियों के लिए वैश्विक समाधान आवश्यक हैं, जो स्थानीय वास्तविकताओं पर आधारित हों। उन्होंने गहन अंतरराष्ट्रीय सहयोग, ज्ञान साझा करने और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता पर जोर दिया।
  • उपसंहार:
    डॉ. चतुर्वेदी ने विश्व खाद्य दिवस की शुभकामनाएं दी और सभी को दीपावली की हार्दिक बधाई दी।


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