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उत्तरी-पूर्वी क्षेत्र में विकास की नई ऊँचाइयाँ: MDoNER ने एक वर्ष में निवेश, कनेक्टिविटी और रोजगार में हासिल की उल्लेखनीय प्रगति

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नई दिल्ली- संचार और उत्तरी-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज उत्तरी-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय (MDoNER), डाक विभाग (DoP) और टेलीकॉम विभाग (DoT) की एक वर्ष (अगस्त 2024 – सितंबर 2025) की उपलब्धियों पर संयुक्त मीडिया ब्रिफिंग की अध्यक्षता की। इस अवसर पर संचार राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी, शिक्षा एवं DoNER राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार, और MDoNER सचिव चंचल कुमार भी उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में उत्तरी-पूर्वी क्षेत्र ने पिछले वर्ष में सर्वांगीण प्रगति देखी है। मीडिया से बात करते हुए ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा कि मंत्रालय ने सुधार, पहुँच और परिणाम के तीन स्तंभों पर काम करते हुए इन्फ्रास्ट्रक्चर, निवेश, शासन और युवा सशक्तिकरण में रिकॉर्ड वृद्धि हासिल की है। उन्होंने कहा, “उत्तरी-पूर्वी क्षेत्र आज नए भारत की भावना का प्रतिनिधित्व करता है—सशक्त, जुड़े हुए और भविष्य के लिए तैयार। प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के तहत, यह क्षेत्र अब सीमांत से अग्रणी बन चुका है, जो आत्मविश्वास और प्रतिस्पर्धात्मकता का प्रतीक है।”

ऐतिहासिक विकास और आर्थिक संभावनाएँ

ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने क्षेत्र की उच्च विकास संभावनाओं पर प्रकाश डाला और कहा कि उत्तरी-पूर्वी क्षेत्र की दशकीय GDP वृद्धि देश के औसत से अधिक रही है। उन्होंने उच्च साक्षरता दर और युवा जनसंख्या (70% आबादी 28 वर्ष से कम) का उल्लेख करते हुए कहा कि ये सभी कारक इस क्षेत्र को भारत का असली विकास इंजन बनाते हैं।

मंत्री ने बताया कि मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2024–25 में ₹3,447.71 करोड़ का उच्चतम व्यय दर्ज किया, जो पिछले वर्ष से 74.4% अधिक है और तीन वर्षों में 200% से अधिक वृद्धि को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन MDoNER की वित्तीय अनुशासन, डिजिटल निगरानी और समय पर वितरण की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। साप्ताहिक समीक्षा, चार किस्तों में फंड रिलीज़ और Poorvottar Vikas Setu पोर्टल के डिजिटल ट्रैकिंग से 97% परियोजना निरीक्षण कवरेज और 91% पूर्ण परियोजनाओं के संचालन को सुनिश्चित किया गया।

सुधार, शासन और संस्थागत सशक्तिकरण

मंत्री ने कहा कि मंत्रालय ने मुख्यमंत्री-नेतृत्व वाले क्षेत्रीय उच्च-स्तरीय कार्यबलों को आठ क्षेत्रों में संस्थागत रूप दिया है—पर्यटन, निवेश, हस्तशिल्प, कृषि, अवसंरचना, खेल, उत्तर-पूर्वी आर्थिक कॉरिडोर और प्रोटीन आत्मनिर्भरता। ये कार्यबल राज्यों के बीच सहयोग, नीति संरेखण और क्षेत्रीय विकास सुनिश्चित कर रहे हैं।

अंतर-मंत्रालयी समन्वय प्रणाली के माध्यम से MDoNER ने शिलॉन्ग एयरपोर्ट विस्तार, सिक्किम में NH-10 का वैकल्पिक मार्ग, त्रिपुरा में कैलाशाहर एयरपोर्ट विकास जैसी प्रमुख परियोजनाओं के अनुमोदन को तेज किया, जिससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी मजबूत हुई।

निवेश और आर्थिक एकीकरण

ज्योतिरादित्य एम.सिंधिया ने बताया कि Rising North East Investors Summit 2025 में आठ मुख्यमंत्री, आठ केंद्रीय मंत्री, 100 से अधिक राजदूत और 108 PSU ने भाग लिया, जिससे ₹4.48 लाख करोड़ निवेश प्रतिबद्धताएँ हुईं—यह क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है।

अष्टलक्ष्मी महोत्सव (6-8 दिसंबर 2024) और नॉर्थ ईस्ट बैंकरस कॉन्क्लेव, अगस्तराल (दिसंबर 2024) ने क्रमशः ₹2,326 करोड़ निवेश लीड और 51 नई बैंक शाखाओं, ATM नेटवर्क विस्तार और MSME क्रेडिट सुविधा बढ़ाई। NEDFi के माध्यम से 5,300 से अधिक MSMEs का समर्थन किया गया और ₹766 करोड़ स्टार्टअप एवं उद्यमों के लिए जुटाए गए।

पर्यटन, कनेक्टिविटी और वैश्विक पहचान

मंत्री ने बताया कि MDoNER ने Brand Northeast रणनीति के माध्यम से क्षेत्र को वैश्विक पर्यटन और सांस्कृतिक गंतव्य के रूप में स्थापित किया है। प्रत्येक राज्य ने अपनी विशिष्ट पहचान और उत्पादों—जैसे असम की मुगा सिल्क, मेघालय का लाकाडोंग हल्दी, मणिपुर का पोलो, सिक्किम की ऑर्गेनिक खेती और त्रिपुरा का क्वीन पाइनएप्पल—को बढ़ावा दिया।

8 प्रमुख पर्यटन स्थल—काजीरंगा, ज़िरो, सोहरा, थेंजावल, मताबारी, किसामा, नामची और मोइरांग—पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत विकसित किए जा रहे हैं। होमस्टे और ईको-टूरिज्म मॉडल ने ग्रामीण आय में 45% वृद्धि की और सतत आजीविका सृजित की।

मंत्री ने कनेक्टिविटी में हुए उल्लेखनीय सुधारों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में एयरपोर्ट संख्या 9 से बढ़कर 17 हो गई, जिसमें अरुणाचल प्रदेश में 4 एयरपोर्ट शामिल हैं। सभी NE राज्य 2029 तक रेल से जुड़े होंगे। कलादान और भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय हाइवे परियोजनाओं के माध्यम से क्षेत्र को विश्व से जोड़ा जा रहा है।
कृषि, उद्योग और उद्यमिता

ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कृषि-हॉर्टी मूल्य श्रृंखला विकास के माध्यम से अर्थव्यवस्था के विविधीकरण पर जोर दिया। राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन – तेल पाम के तहत 68,000 हेक्टेयर क्षेत्र में खेती हुई, 47 नर्सरी और 5 बीज उद्यान स्थापित किए गए।

अगरवुड सेक्टर में निर्यात कोटा में छह गुना वृद्धि हुई और DGFT सहयोग से निर्यात सुविधा पोर्टल चालू हुआ। बांस सेक्टर में 22 परियोजनाओं (₹126.7 करोड़) से 2,587 कारीगरों को प्रशिक्षण मिला और Amazon से जुड़े बाज़ार मॉडल लॉन्च किए गए। इन पहलों से रोजगार, निर्यात और ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा मिला।

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