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राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण ने स्थानीय समुदायों को ₹1.36 करोड़ जारी किए: जैव विविधता संरक्षण और लाभ-साझेदारी की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

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जैव विविधता के संरक्षण, सतत उपयोग और लाभों के न्यायसंगत एवं समान वितरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का सशक्त प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (एनबीए) ने ₹1.36 करोड़ की राशि जारी की है, जिससे महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के स्थानीय समुदायों को व्यावसायिक उपयोग से प्राप्त लाभों का हिस्सा मिलेगा।

यह राशि महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्डों के माध्यम से तीन जैव विविधता प्रबंधन समितियों (BMCs) —

  1. साखरवाडी गांव, फलटण तालुका, सतारा जिला (महाराष्ट्र),

  2. कुंजिरवाडी गांव, हवेली तालुका, पुणे (महाराष्ट्र), तथा

  3. कासगंज क्षेत्र, एटा जिला (उत्तर प्रदेश) — को वितरित की जाएगी।

प्रत्येक समिति को ₹45.50 लाख प्राप्त होंगे। यह कदम सरकार की समानता, स्थिरता और संरक्षण के सिद्धांतों के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

यह राशि एक सुगम्य एवं लाभ-साझेदारी (Access and Benefit Sharing – ABS) भुगतान का प्रतिनिधित्व करती है, जो एक वाणिज्यिक इकाई द्वारा मिट्टी और औद्योगिक अपशिष्ट नमूनों से सूक्ष्मजीवों का उपयोग कर फ्रक्टो-ओलिगोसेकेराइड्स उत्पाद बनाने के बाद प्राप्त हुई है। इन निधियों का उपयोग जैव विविधता अधिनियम, 2002 की धारा 44 और संबंधित राज्य जैव विविधता नियमों के तहत निर्धारित गतिविधियों में किया जाएगा।

यह वित्तीय पहल स्थानीय समुदायों को मान्यता और पुरस्कार देने में एनबीए की सक्रिय भूमिका को दर्शाती है — जो भारत की समृद्ध जैविक धरोहर के असली संरक्षक हैं। स्थानीय स्तर पर लाभ लौटाकर एनबीए ने समावेशी शासन मॉडल को और सशक्त किया है, जहां संरक्षण और समुदाय की समृद्धि साथ-साथ आगे बढ़ते हैं।

इसके साथ ही यह पहल भारत के अद्यतन राष्ट्रीय जैव विविधता कार्य योजना (NBSAP) 2024–2030 के राष्ट्रीय लक्ष्य–13 की पूर्ति में योगदान करती है, जो संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन (CBD) के CoP-15 में अपनाए गए कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता फ्रेमवर्क के अनुरूप है।

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