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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) की संदर्भ शर्तों (Terms of Reference) को दी मंजूरी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) की संदर्भ की शर्तों (Terms of Reference) को मंजूरी दी गई।

मुख्य बिंदु:

8वां केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) एक अस्थायी निकाय (Temporary Body) होगा।
इस आयोग में शामिल होंगे —

  • एक अध्यक्ष (Chairperson)

  • एक आंशिक सदस्य (Member Part-Time)

  • एक सदस्य-सचिव (Member-Secretary)

आयोग को अपनी सिफारिशें इसके गठन की तिथि से 18 महीनों के भीतर प्रस्तुत करनी होंगी।
यदि आवश्यक हो, तो आयोग अपने सुझावों से संबंधित अंतरिम रिपोर्ट (Interim Reports) भी समय-समय पर प्रस्तुत कर सकता है।

सिफारिशें करते समय आयोग निम्नलिखित पहलुओं को ध्यान में रखेगा:

  1. देश की आर्थिक स्थिति और राजकोषीय अनुशासन (Fiscal Prudence) की आवश्यकता।

  2. यह सुनिश्चित करना कि विकासात्मक व्यय और कल्याणकारी योजनाओं के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध रहें।

  3. गैर-अंशदायी पेंशन योजनाओं (Non-contributory Pension Schemes) की अप्राप्त लागत।

  4. आयोग की सिफारिशों का राज्य सरकारों के वित्त पर संभावित प्रभाव, क्योंकि वे प्रायः कुछ संशोधनों के साथ इन्हें अपनाती हैं।

  5. केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (CPSUs) और निजी क्षेत्र (Private Sector) में प्रचलित वेतन संरचना, लाभ और कार्य स्थितियाँ।

पृष्ठभूमि:

केंद्रीय वेतन आयोगों का गठन समय-समय पर किया जाता है ताकि
केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे, सेवा शर्तों, सेवानिवृत्ति लाभों आदि की समीक्षा की जा सके और आवश्यक परिवर्तन सुझाए जा सकें।

आम तौर पर, हर दस वर्ष में एक बार वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाता है।
इस प्रवृत्ति के अनुसार, 8वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों का प्रभाव सामान्यतः 1 जनवरी, 2026 से अपेक्षित है।

सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन की घोषणा की थी, ताकि केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन और अन्य लाभों में आवश्यक संशोधन की सिफारिश की जा सके।


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