नई दिल्ली, कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत आने वाले निवेशक शिक्षा और संरक्षण कोष प्राधिकरण (IEPFA) ने नई दिल्ली में एक गोलमेज सम्मेलन के साथ अपना 9वाँ स्थापना दिवस मनाया। सम्मेलन का विषय था — “Claiming the Unclaimed: Unlocking the Potential of Idle Financial Assets in India”।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सैन्याल मुख्य अतिथि रहे और उन्होंने मुख्य वक्तव्य दिया। उन्होंने निष्क्रिय वित्तीय परिसंपत्तियों के उत्पादक उपयोग हेतु नवीन नीतिगत ढाँचे और अंतर–एजेंसी समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया और IEPFA द्वारा किए गए सुधारात्मक प्रयासों की सराहना की।
प्रारंभिक संबोधन में IEPFA की सीईओ एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री अनीता शाह अकेला ने निवेशक संरक्षण, दावों के निपटान को सरल बनाने और देशभर में वित्तीय साक्षरता फैलाने की दिशा में प्राधिकरण की पहलों को रेखांकित किया।
सम्मेलन का संचालन डॉ. सी. एस. मोहापात्रा, IEPF चेयर प्रोफेसर, NCAER ने किया। उन्होंने दावों के निपटान की समयसीमा कम करने, पारदर्शिता बढ़ाने और निवेशक विश्वास सुदृढ़ करने के लिए सहयोगात्मक सुधारों की आवश्यकता पर बल दिया।
विभिन्न सत्रों में वरिष्ठ नीति-निर्माताओं, नियामकों और विशेषज्ञों ने भाग लिया।
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पूँजी बाजार और बैंकिंग क्षेत्र से: सुनील कदम (कार्यकारी निदेशक, सेबी),सुनील नायर (मुख्य महाप्रबंधक, RBI), और सीएस बी. नारसिम्हन (पूर्व अध्यक्ष, ICSI)।
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बीमा, पेंशन और भविष्य निधि क्षेत्र से: सुश्री सुमीत कौर कपूर (कार्यकारी निदेशक, PFRDA) और आर. के. नायर (पूर्व सदस्य, IRDAI)।
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Paradigm Shift: Unlocking the Potential of Idle Assets and Efficient Service सत्र में: धीरेंद्र कुमार (सदस्य, IEPFA बोर्ड एवं सीईओ, Value Research),शशि कृष्णन (निदेशक, NISM) और सवित्री पारेख (कंपनी सेक्रेटरी एवं कंप्लायंस ऑफिसर, रिलायंस इंडस्ट्रीज लि.) ने विचार साझा किए।
सम्मेलन का समापन इस सामूहिक संकल्प के साथ हुआ कि सभी हितधारक अप्रयुक्त परिसंपत्तियों की क्षमता को उजागर करेंगे, वित्तीय समावेशन को मजबूत करेंगे और भारतीय वित्तीय तंत्र में निवेशकों के विश्वास को सुदृढ़ करेंगे।
समापन अवसर पर अनीता शाह अकेला ने IEPFA की “पारदर्शिता, तकनीक और विश्वास” पर आधारित यात्रा को रेखांकित किया। उन्होंने इंटीग्रेटेड पोर्टल फॉर क्लेम्स एंड रिफंड्स, लो-वैल्यू क्लेम्स का सरलीकरण, और निवेशक शिक्षा अभियानों (निवेशक दीदी, निवेशक शिविर) जैसी पहलों का उल्लेख किया। उन्होंने आगामी “निवेशक समाधान – डायल योर सीईओ” कार्यक्रम की घोषणा की और IEPFA की ‘पंचतत्व दृष्टि’ साझा की, जिसमें तेज़ रिफंड, एआई आधारित समाधान, और IEPFA को भारत की वित्तीय प्रणाली का “ट्रस्ट एंकर” बनाने की प्रतिबद्धता शामिल है।
IEPFA के बारे में
निवेशक शिक्षा और संरक्षण कोष प्राधिकरण (IEPFA) की स्थापना 7 सितंबर 2016 को कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत की गई थी। यह प्राधिकरण निवेशक शिक्षा और संरक्षण कोष का प्रबंधन करता है, जिसका उद्देश्य निवेशकों के हितों की रक्षा करना है। IEPFA शेयरों, अप्राप्त लाभांश, परिपक्व जमा/डिबेंचरों की वापसी को सुगम बनाता है और वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देता है।