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पियूष गोयल ने HSN कोड्स गाइडबुक जारी की, Viksit Bharat 2047 के लक्ष्य को मजबूत बनाने की पहल

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नई दिल्ली- वाणिज्य और उद्योग मंत्री पियूष गोयल ने “Celebrating 10 Years of Make in India and Discussion on Next Gen-Reforms 2.0” कार्यक्रम के दौरान HSN कोड्स के मैपिंग पर गाइडबुक का विमोचन किया। यह गाइडबुक उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) द्वारा तैयार की गई है।

Harmonized System of Nomenclature (HSN) कोड्स के मैपिंग गाइडबुक का विमोचन

गाइडबुक में 12,167 HSN कोड्स को भारत सरकार के 31 मंत्रालयों और विभागों में आवंटित किया गया है। इसका उद्देश्य निर्माण विकास, निवेश संवर्धन और व्यापार सुगमता के लिए डेटा-आधारित दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है। यह गाइडबुक मजबूत और प्रतिस्पर्धी विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की नींव के रूप में कार्य करेगी।

गाइडबुक की महत्ता पर जोर देते हुए पियूष गोयल ने कहा कि यह पहल घरेलू उत्पादन क्षमता को मजबूत करने और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही, यह व्यापार समझौता वार्ता को अधिक प्रभावी बनाने में भी सहायक होगी। संबंधित मंत्रालय या विभाग के लिए HSN कोड्स की पहचान आसान होने से नियामक प्रक्रियाओं में सरलीकरण और बिजनेस में आसानी (Ease of Doing Business) को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह गाइडबुक विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण को प्राप्त करने में अहम भूमिका निभाएगी, जिसमें शासन व्यवस्था उद्योग की जरूरतों के प्रति उत्तरदायी होगी।

गाइडबुक के विकास की आवश्यकता व्यापार वार्ता, आयात प्रतिस्थापन प्रयास और उद्योग की चिंताओं के समाधान में लगातार सामने आने वाली चुनौतियों के कारण उत्पन्न हुई। अनमैप्ड कोड्स को अस्पष्टता के कारण ‘Residual Products’ के रूप में वर्गीकृत किया जाता था। इसे सुधारने के लिए DPIIT ने होलिस्टिक और प्रैक्टिकल दृष्टिकोण अपनाया और प्रत्येक HSN कोड के लिए मूल्य-श्रृंखला और उपयोग विश्लेषण किया।

इसके बाद, 1961 के Allocation of Business (AoB) Rules की पूरी समीक्षा की गई और उत्पाद की प्रकृति व अंत-उपयोग के आधार पर प्रत्येक HSN कोड का मैपिंग किया गया। प्रारंभिक मैपिंग के बाद अंतर-मंत्रालयीय परामर्श, जॉइंट वर्किंग ग्रुप की बैठकें, 300 से अधिक मंत्रालय और विभागों के साथ एक-एक बैठकें और उद्योग हितधारकों के साथ कई परामर्श आयोजित किए गए। प्राप्त फीडबैक का विश्लेषण कर उसे गाइडबुक में शामिल किया गया, ताकि वास्तविक ज़मीनी स्थिति का सही प्रतिबिंब दिखाई दे।

इस पूरी प्रक्रिया के परिणामस्वरूप 12,167 HSN कोड्स को 31 मंत्रालयों और विभागों में मैप किया गया। यह गाइडबुक अब निर्माण और व्यापार संबंधी लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए एक आधारभूत संसाधन बन गई है।

गाइडबुक नीतिगत उद्देश्यों को क्रियान्वयन योग्य परिणामों में बदलने के लिए मंत्रालयों और विभागों के लिए महत्वपूर्ण उपकरण है। इसके प्रभावी उपयोग के लिए “गाइडबुक का उपयोग कैसे करें?” शीर्षक से एक समर्पित खंड भी विकसित किया गया है, जो तीन स्तंभों पर आधारित है:

  1. Manufacture in India – भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करना, क्षेत्र-विशेष नीतियों, मूल्य-श्रृंखला सुदृढ़ीकरण और कार्यबल विकास पर जोर।

  2. Strengthen Brand India – ‘Made in India’ लेबल की वैश्विक प्रतिष्ठा को बढ़ाना और गुणवत्ता सुधार को प्राथमिकता देना।

  3. Make for the World – अधिक प्रभावी व्यापार वार्ता का समर्थन करना और भारतीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में अधिक हिस्सेदारी दिलाना।

पियूष गोयल ने कहा कि यह गाइडबुक केवल वर्गीकरण का साधन नहीं, बल्कि भारत के औद्योगिक भविष्य को आकार देने का रणनीतिक उपकरण है। यह मंत्रालयों और विभागों को आउटकम-ओरिएंटेड दृष्टिकोण अपनाने में सक्षम बनाएगी और उत्पादों की जिम्मेदारी को सुव्यवस्थित करेगी। गाइडबुक के माध्यम से भारत वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर होगा और 2047 तक मजबूत और भविष्य-तैयार अर्थव्यवस्था की नींव रखेगा।


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