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धमतरी जिले में सौर सुजला योजना बना किसानों की खुशहाली का नया सूरज

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धमतरी, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा वर्ष 2016-17 में प्रारंभ की गई सौर सुजला योजना आज राज्य के किसानों के जीवन में खुशहाली का नया अध्याय लिख रही है। विशेषकर धमतरी जिले में यह योजना किसानों के लिए संजीवनी साबित हुई है। जहां पहले किसान केवल वर्षा आधारित खेती पर निर्भर रहते थे और सिंचाई की कमी से उत्पादन प्रभावित होता था, वहीं अब सूर्य की ऊर्जा से संचालित सोलर पंप किसानों के लिए बारहमासी खेती का भरोसेमंद साधन बन गए हैं।

किसानों के जीवन में नई रोशनी

धमतरी जिले में अब तक कुल 3068 सोलर पंपों की स्थापना छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (क्रेडा) द्वारा की जा चुकी है। इन पंपों से किसानों को धान, गेहूं, मक्का, दलहन, तिलहन, सब्ज़ी और फल-फूल जैसी फसलों का उत्पादन बड़े पैमाने पर करने का अवसर मिला है।गांव-गांव में किसान अब एक सीजन की जगह पूरे साल खेती कर पा रहे हैं, जिससे उनकी आय दोगुनी हुई है और जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव आया है।

किसानों की जुबानी – सौर पंप से मिली नई उम्मीद

ग्राम गोरेगांव के किसान अमृत लाल बताते हैं कि पहले बरसात पर ही खेती करना पड़ता था। बिजली की लाइन खेत तक नहीं पहुंची थी। अब सौर पंप लगने से साल भर सब्ज़ी और धान की खेती कर पा रहा हूँ। आमदनी भी बढ़ गई है और बच्चों की पढ़ाई-लिखाई अच्छे से कर पा रहा हूँ।

ग्राम चिपली के  लक्ष्मी नाथ का कहना है –कि “डीजल पंप से खेती करना बहुत महंगा पड़ता था। तेल के दाम भी बढ़ते रहते थे। अब सूरज की रोशनी से खेतों को पानी मिलता है, कोई खर्च नहीं होता। यह योजना हम जैसे छोटे किसानों के लिए वरदान है।”

ग्राम भोथली के युवा किसान श्री रामेश्वर ने उत्साहित होकर कहा – पहले गांव में खेती छोड़कर बाहर नौकरी ढूँढने जाना पड़ता था। अब सोलर पंप से अच्छी खेती-बाड़ी  हो रही है ।

कई  महिला किसान सब्ज़ी की खेती कर शहर में बेच रही है । महीने में इतना कमा लेती  है कि  बाहर जाने की ज़रूरत ही नहीं रही।”

छोटे और सीमांत किसानों के लिए वरदान

इस योजना के अंतर्गत किसानों को 90 प्रतिशत तक अनुदान शासन द्वारा दिया जाता है। केवल शेष राशि उन्हें अंशदान के रूप में देनी होती है। इतना ही नहीं, एनिकट, स्टॉप डेम एवं चेक डेम के किनारों पर 3 से 5 एचपी क्षमता वाले सरफेस सोलर पंप 97 प्रतिशत अनुदान पर लगाए जा रहे हैं। इससे जल स्रोत के पास बसे छोटे और सीमांत किसान अत्यधिक लाभान्वित हो रहे हैं।

लक्ष्य और उपलब्धियां

वित्तीय वर्ष 2024-25 में सौर सुजला योजना के सातवें चरण में धमतरी जिले को 400 सोलर पंपों का लक्ष्य प्राप्त हुआ था। इसके विरुद्ध अब तक 252 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनकी स्वीकृति और स्थापना प्रक्रिया क्रेडा द्वारा की जा रही है। वहीं वर्ष 2025-26 के फेस-09 अंतर्गत जिले को 205 सोलर पंप का लक्ष्य मिला है, जिनमें से 165 पंप स्थापित किए जा चुके हैं और शेष पर तेजी से कार्य चल रहा है।

आर्थिक व सामाजिक परिवर्तन

इस योजना ने जिले की कृषि व्यवस्था को एक नई दिशा दी है। किसान अब खरीफ और रबी दोनों मौसम में खेती कर रहे हैं। उत्पादन बढ़ने से उनकी आर्थिक स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। अतिरिक्त पैदावार से न केवल किसानों की आय दोगुनी हुई है, बल्कि गांवों में रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं।खेतों में मजदूरों, परिवहन और कृषि से जुड़ी अन्य गतिविधियों में रोजगार मिलने से बेरोजगारी की समस्या भी घट रही है।

पर्यावरण और सतत विकास की ओर कदम

सौर ऊर्जा आधारित पंप पर्यावरण की दृष्टि से भी अत्यंत लाभकारी हैं। जहां डीजल और बिजली से चलने वाले पंप प्रदूषण और खर्च दोनों बढ़ाते थे, वहीं सौर पंप प्रदूषणमुक्त, किफायती और दीर्घकालीन समाधान प्रदान कर रहे हैं। यह योजना सतत विकास और हरित क्रांति की दिशा में एक मजबूत कदम है।

छत्तीसगढ़ के रजत जयंती महोत्सव के अवसर पर यह कहना उचित होगा कि सौर सुजला योजना केवल सिंचाई का साधन नहीं है, बल्कि किसानों के लिए ऊर्जा, आत्मविश्वास और समृद्धि का प्रतीक बन चुकी है। किसानों की ज़ुबानी उनके अनुभव इस बात का प्रमाण हैं कि सूरज की रौशनी अब खेतों के साथ-साथ उनके जीवन को भी रोशन कर रही है।

यह योजना न सिर्फ कृषि उत्पादन को नई ऊंचाई दे रही है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान कर रही है। आने वाले समय में इसके विस्तार से प्रदेश का कृषि क्षेत्र नई उड़ान भरेगा और किसान समृद्धि की राह पर और तेजी से आगे बढ़ेंगे।

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