जोधपुर- केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज जोधपुर, राजस्थान में 'श्री पारसमल बोहरा कॉलेज फॉर द विजुअली इम्पेयरड' और छात्रों के लिए छात्रावास की आधारशिला रखी। इस अवसर पर राजस्थान के मुख्यमं त्रीभजनलाल शर्मा, केंद्रीय मंत्रीग जेन्द्र सिंह शेखावत और कई विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे।
मुख्य बातें:
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तीन परियोजनाओं की आधारशिला: कुल लागत लगभग 15 करोड़ रुपये, जिनसे सैकड़ों दृष्टिहीन छात्रों के जीवन में नई रोशनी आएगी।
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पारसमल बोहरा कॉलेज: 2022 में राजस्थान का पहला दृष्टिहीनों का कॉलेज।
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सुशीला जी का योगदान: पांच स्कूल, दो कॉलेज, नि:शुल्क होस्टल, भोजन, ऑडियो बुक्स, रिकॉर्डेड लेक्चर, ब्रेल प्रिंटिंग प्रेस, स्क्रीन रीडर, कंप्यूटर लैब और लाइब्रेरी के माध्यम से सैकड़ों छात्रों के जीवन में ज्ञान और दृष्टि का प्रकाश।
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दिव्यांग शब्द की पहल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में 'दिव्यांग' शब्द का प्रयोग शुरू किया, जिसने देश में दिव्यांगजन के प्रति दृष्टिकोण बदल दिया।
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खेल और उपलब्धियाँ: पिछले तीन पैरा ओलंपिक खेलों में भारत ने 52 पदक जीते, जबकि 2012 तक कुल 8 पदक थे।
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सुविधाएँ और बजट: दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग का बजट 338 करोड़ से बढ़कर 1,313 करोड़; 1,314 केंद्रीय भवनों और कई हवाई अड्डों को दिव्यांगजन के लिए सुलभ बनाया गया; 31 लाख लोगों को कृत्रिम सहायक उपकरण प्रदान किए गए।
निष्कर्ष:
अमित शाह ने कहा कि जब समाज, सरकार और स्वयंसेवी संस्थाएँ मिलकर दिव्यांगजन के कल्याण के लिए काम करती हैं, तो कुछ भी असंभव नहीं है। इन प्रयासों से शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल और समग्र सशक्तिकरण के अवसर बढ़े हैं, जिससे दिव्यांगजन का जीवन सरल, सम्मानजनक और सशक्त बन रहा है।