रायपुर। छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा इन दिनों लगातार संभागस्तरीय पुलिस बैठकों को लेकर सुर्खियों में हैं। बस्तर और सरगुजा के बाद अब 26 अगस्त को दुर्ग संभाग के आईजी और एसपी को तलब किया गया है।
20 से अधिक एजेंडे पर होगी चर्चा
इस बैठक का एजेंडा बेहद व्यापक रखा गया है। इसमें नशे का कारोबार, कानून व्यवस्था, साइबर क्राइम, चिटफंड घोटाले, गौ तस्करी, पुलिस कल्याण और आगामी कार्ययोजना जैसे 20 से अधिक मुद्दे शामिल हैं।
सरगुजा बैठक में हुई थी गहन समीक्षा
11 अगस्त को सरगुजा संभाग की बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह मनोज पिंगुवा, आईजी पीएचक्यू अजय यादव, आईजी सरगुजा दीपक झा सहित सभी जिलों के एसपी मौजूद थे। इस बैठक में अपराध नियंत्रण, नशा और अवैध गतिविधियों की रोकथाम, साइबर क्राइम, गौ तस्करी और पुलिस कल्याण पर विस्तृत चर्चा हुई थी।
- दुर्ग बैठक का खास फोकस
- दुर्ग संभाग की बैठक में गृहमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि—
- थानावार बीट प्रणाली की समीक्षा
- गैंग व हिस्ट्रीशीटरों की निगरानी
- लंबित मर्ग और गुम इंसान प्रकरणों की प्रगति
- जमानत पर छूटे आरोपियों की मॉनिटरिंग
- पुलिस कल्याण योजनाओं पर अमल
- इन विषयों पर विशेष रूप से चर्चा की जाएगी।
सियासी हलचल भी तेज
गृहमंत्री की इस बढ़ी हुई सक्रियता ने राजनीतिक हलकों में हलचल तेज कर दी है। सवाल उठ रहा है कि क्या यह कदम महज प्रशासनिक मजबूती है या इसके पीछे कोई गहरी सियासी रणनीति छिपी है। पिछली सरकार में मंत्री स्तर पर ऐसी बैठकों को लेकर विवाद खड़ा हो चुका था, लेकिन इस बार मुख्यमंत्री स्तर पर कोई नाराजगी सामने नहीं आई है।
दुर्ग संभाग की बैठक के बाद गृहमंत्री विजय शर्मा की इस सक्रियता के राजनीतिक मायने और स्पष्ट हो सकते हैं।