नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों और बिहार में चल रही SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) प्रक्रिया पर सफाई दी।
CEC ने कहा कि चुनाव आयोग किसी भी राजनीतिक दल के साथ भेदभाव नहीं करता। “भारत के संविधान के अनुसार, हर 18 वर्ष का नागरिक मतदाता बन सकता है। जब हर दल चुनाव आयोग में पंजीकृत होता है, तो भेदभाव का प्रश्न ही नहीं उठता। आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्य से पीछे नहीं हटेगा।”
उन्होंने बताया कि बिहार में SIR की प्रक्रिया के तहत 1.6 लाख बूथ लेवल एजेंट (BLA) और अधिकारियों ने मिलकर मतदाता सूची का मसौदा तैयार किया है। इसे सभी दलों के एजेंटों ने हस्ताक्षर कर सत्यापित किया। अब तक मतदाताओं की ओर से 28,370 दावे और आपत्तियां दर्ज की गई हैं।
CEC ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल मतदाताओं की तस्वीरें और सीसीटीवी फुटेज बिना अनुमति के साझा कर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया – “इतनी पारदर्शी प्रक्रिया में क्या कोई मतदाता का वोट चुरा सकता है?”
दोहरे मतदान के आरोपों को भी उन्होंने खारिज किया और कहा कि सबूत मांगने पर कोई तथ्य नहीं दिया गया। उन्होंने साफ कहा कि चुनाव आयोग निडर होकर गरीब, अमीर, महिला, युवा और सभी धर्मों के मतदाताओं के साथ खड़ा है।