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छत्तीसगढ़: रायपुर पुलिस ने कांवड़ियों के भेष में जाकर पकड़ा अंतरराज्यीय मोबाइल चोर गिरोह

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 रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस ने एक अंतरराज्यीय मोबाइल चोर और साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है। खास बात यह रही कि पुलिस ने सावन महीने में कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों के भेष में जाकर इन शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया।


पुलिस ने झारखंड के साहेबगंज और पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से कुल चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने बीते तीन महीनों में 80 से अधिक मोबाइल फोन चोरी किए थे, जिनका पासवर्ड क्रैक कर उन्होंने पीड़ितों के बैंक खातों और UPI से करोड़ों रुपए की ठगी की। फिलहाल ठगी गई कुल राशि की जांच जारी है।

रायपुर के सब्जी बाजार से शुरू हुआ मामला
रायपुर के विभिन्न सब्जी बाजारों, विशेषकर गुढ़ियारी स्थित पहाड़ी चौक, में मोबाइल चोरी की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। एक मामले में एक युवक की जेब से मोबाइल चोरी हुआ और बाद में उसी मोबाइल से PhonePe ऐप के माध्यम से 99,000 रुपए की राशि उड़ा ली गई। इस मामले में पुलिस ने पहले 6 लोगों को गिरफ्तार किया था।

इसी तरह, तेलीबांधा थाना क्षेत्र में रहने वाले गोविंदराम वाधवानी ने 22 जून को शिकायत की थी कि सब्जी खरीदते समय उनका मोबाइल चोरी हो गया। पुलिस ने जांच के दौरान इसी शिकायत से जुड़े आरोपियों को ट्रैक किया।

तकनीकी विशेषज्ञ की मदद से पासवर्ड क्रैक
जांच में पता चला कि आरोपी मोबाइल फोन का पासवर्ड क्रैक करने में माहिर हैं। वे तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से फोन अनलॉक करते और फिर फोन-पे, पेटीएम जैसे डिजिटल वॉलेट के ज़रिए बैंक खातों से पैसे ट्रांसफर कर देते थे।

पुलिस ने फोन-पे से ट्रांसफर की गई राशि के बैंक खातों की जानकारी निकाली और पाया कि पैसे पश्चिम बंगाल के खातों में ट्रांसफर किए गए हैं। इसके बाद टीम ने झारखंड के साहेबगंज से तीन और कोलकाता से एक आरोपी को गिरफ्तार किया।

मुख्य साजिशकर्ता और गिरोह की योजना
पूछताछ में पता चला कि देवा उर्फ देव कुमार महतो इस गिरोह का सरगना है। उसने कन्हैया कुमार मंडल, विष्णु कुमार मंडल और दो अन्य को रायपुर बुलाकर मोबाइल चोरी करने का काम सौंपा था। आरोपी रायपुर के रामनगर इलाके में किराए के मकान में रहते थे। देवा उन्हें इस काम के बदले ₹25,000 प्रति माह देता था।

चोरी के बाद मोबाइल फोन से बैंक खातों में जमा राशि को फोन-पे और पेटीएम के माध्यम से अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किया जाता था। फिर कोलकाता निवासी आरोपी ओमप्रकाश ठाकुर ATM से पैसे निकालता था।

जांच जारी, और गिरफ्तारियां संभव
फिलहाल रायपुर पुलिस इस गिरोह के अन्य सदस्यों और उनसे जुड़े बैंक खातों की गहन जांच कर रही है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि ठगी की कुल राशि कई करोड़ रुपये हो सकती है। पुलिस तकनीकी साक्ष्यों और डिजिटल ट्रांजेक्शन हिस्ट्री की मदद से गिरोह की पूरी गतिविधियों को खंगाल रही है।

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