बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सार्वजनिक सड़कों पर स्टंट और रील्स शूट करने की घटनाओं पर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने कहा कि सड़कें किसी की निजी जागीर या फिल्मी सेट नहीं हैं। ये हरकतें न सिर्फ कानून, बल्कि आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा हैं।
मुख्य सचिव द्वारा दाखिल शपथपत्र से असंतुष्ट होकर कोर्ट ने पूछा—इन मामलों में जांच किस स्तर पर हुई और नतीजा क्या रहा?
जुर्माना नहीं, जिम्मेदारी जरूरी
मुख्य सचिव ने बताया कि वायरल वीडियोज़ पर पुलिस ने केस दर्ज कर जुर्माना लगाया है। इस पर कोर्ट ने कहा, "सिर्फ 2000 रुपये का जुर्माना दिखावे की कार्रवाई है। जब कानून का डर खत्म होता है, तो अराजकता फैलती है।"
हाईवे जाम कर बनी रील
कोर्ट ने 20 जुलाई 2025 की घटना का जिक्र किया, जब कुछ प्रभावशाली युवकों ने नई गाड़ियों की रील्स बनाने के लिए नेशनल हाईवे रोक दिया। बीच सड़क पर गाड़ियां खड़ी कर, प्रोफेशनल लाइट्स और वीडियोग्राफी की गई, जिससे लंबा जाम लगा। पुलिस ने पहले जुर्माना लगाकर मामला खत्म करने की कोशिश की, लेकिन कोर्ट के संज्ञान में आने पर FIR दर्ज हुई।