शिलांग। देश के पूर्वोत्तर राज्य मेघालय में जल्द ही विवाह से पहले एचआईवी (HIV) जांच अनिवार्य हो सकती है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री एंपरीन लिंगदोह ने शुक्रवार को इस प्रस्ताव की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार HIV/AIDS के बढ़ते मामलों को देखते हुए विवाह से पूर्व टेस्ट को अनिवार्य करने के लिए नया कानून लाने पर विचार कर रही है।
मंत्री ने बताया कि मेघालय एचआईवी संक्रमण के मामलों में देश में छठवें स्थान पर है और विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र इस समस्या से गंभीर रूप से प्रभावित है।
उन्होंने कहा,- “अगर गोवा जैसे राज्य में विवाह से पहले एचआईवी जांच अनिवार्य है, तो मेघालय में भी ऐसा नियम लागू किया जाना चाहिए। यह न सिर्फ व्यक्ति बल्कि पूरे समाज की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।”
बैठक में बनी रणनीति, कैबिनेट नोट तैयार करने के निर्देश
स्वास्थ्य मंत्री लिंगदोह ने बताया कि उन्होंने उपमुख्यमंत्री प्रेस्टोन टिनसोंग की अध्यक्षता में एक बैठक में हिस्सा लिया, जिसमें समाज कल्याण मंत्री पॉल लिंगदोह और ईस्ट खासी हिल्स जिले के आठ विधायक भी शामिल थे। बैठक में एचआईवी/एड्स को लेकर नीति निर्माण पर चर्चा हुई।
अब स्वास्थ्य विभाग को कैबिनेट नोट तैयार करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही इस मुद्दे पर गारो हिल्स और जैंतिया हिल्स क्षेत्रों में भी बैठकें आयोजित की जाएंगी, ताकि क्षेत्रीय स्तर पर प्रभावी रणनीति बनाई जा सके।
ईस्ट खासी हिल्स में सबसे ज्यादा मामले
स्वास्थ्य मंत्री ने चिंता जाहिर करते हुए बताया कि केवल ईस्ट खासी हिल्स जिले में अब तक 3,432 एचआईवी/एड्स के मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन इनमें से केवल 1,581 मरीज ही उपचार ले रहे हैं। संक्रमण के प्रमुख कारणों में असुरक्षित यौन संबंध को बताया गया।
उन्होंने कहा,- “हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि जांच के बाद संक्रमित पाए गए हर व्यक्ति को सही समय पर इलाज मिले। एचआईवी/एड्स कोई घातक बीमारी नहीं है, अगर समय पर इलाज किया जाए।”
मालूम हो कि इससे पहले गोवा सरकार ने भी विवाह से पूर्व एचआईवी जांच को कानूनी रूप से अनिवार्य कर रखा है।