नई दिल्ली। अंतरिक्ष मिशन Axiom-4 से लौट रहे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की वापसी पर कांग्रेस नेता उदित राज ने एक विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस बार अंतरिक्ष मिशन में किसी दलित या ओबीसी वर्ग के व्यक्ति को मौका दिया जाना चाहिए था।
उदित राज ने कहा,
“जब पहले राकेश शर्मा को अंतरिक्ष में भेजा गया था, उस समय एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय के लोग इतने पढ़े-लिखे नहीं थे। लेकिन अब वे पूरी तरह से सक्षम हैं। इस बार दलित को भेजने की बारी थी। ऐसा नहीं है कि नासा ने कोई परीक्षा लेकर चयन किया। ऐसे में शुक्ला जी की जगह किसी दलित या ओबीसी को भी भेजा जा सकता था।”
शुक्ला की वापसी पर राष्ट्रीय गौरव, पर बयान से उपजा विवाद
भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जो Axiom-4 अंतरिक्ष मिशन में शामिल थे, आज पृथ्वी पर सकुशल लौट रहे हैं। उनके साथ इस मिशन में अमेरिका की कमांडर पैगी व्हिट्सन, पोलैंड के स्लावोज़ उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू शामिल थे। चारों अंतरिक्ष यात्रियों ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 18 दिन बिताए।
मिशन का संचालन अमेरिकी कंपनी स्पेसएक्स और Axiom Space द्वारा किया गया था। अंतरिक्ष यान ‘ड्रैगन ग्रेस’ भारतीय समयानुसार सोमवार शाम 4:45 बजे ISS से अलग हुआ और लगभग 22.5 घंटे की यात्रा के बाद मंगलवार दोपहर 3:01 बजे सैन डिएगो (कैलिफोर्निया) के तट पर प्रशांत महासागर में सुरक्षित लैंडिंग की।
स्पेसएक्स की जानकारी के मुताबिक, वापसी से पहले यान ने भारतीय समयानुसार दोपहर 2:07 बजे ‘डी-ऑर्बिट बर्न’ प्रक्रिया पूरी की, जिसमें यान के थ्रस्टर्स को चलाकर उसकी गति को घटाया गया ताकि वह पृथ्वी के वायुमंडल में दोबारा प्रवेश कर सके।
विवाद के केंद्र में क्यों है बयान?
उदित राज का बयान ऐसे समय आया है जब भारत के लिए यह मिशन एक राष्ट्रीय उपलब्धि और गौरव का क्षण माना जा रहा है। उनकी टिप्पणी को कई लोग योग्यता के बजाय जातिगत पहचान को प्राथमिकता देने की कोशिश के रूप में देख रहे हैं।