नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच दिन की विदेश यात्रा पर गए हैं. पहलगाम हमले के बाद पीएम मोदी की यह पहली विदेश यात्रा है. उन्होंने कनाडा के कनानास्किस में जी 7 में भाग लिया. जहां उन्होंने आतंकवाद को लेकर अपना पक्ष रखा.
पीएम ने जी 7 की बैठक इस में आतंकवाद के साथ-साथ वैश्विक चिंताओं पर भी ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने कहा कि वैश्विक दक्षिण की चिंताओं को विश्व मंच पर लाना भारत अपनी जिम्मेदारी समझता है. उन्होंने AI की चिंताओं से निपटने पर भी जोर दिया.
कनाडा में जी 7 की बैठक के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान पर तीखे बोल बोले. उन्होंने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकवाद पर दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को हुआ आतंकवादी हमला केवल पहलगाम पर हमला नहीं था, बल्कि प्रत्येक भारतीय की आत्मा, पहचान और सम्मान पर भी हमला था. इसके आगे उन्होंने कहा कि यह पूरी मानवता पर हमला था.
कनाडा के कनानास्किस में जी 7 में पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है. यह उन सभी देशों के खिलाफ है जो लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखते हैं. उन्होंने कहा कि वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए, हमारी सोच और नीतियां स्पष्ट होनी चाहिए. ताकि कोई भी देश आतंकवाद को पालने से पहले सौ बार सोचें. उन्होंने कहा कि अगर कोई देश आतंकवाद का समर्थन करता है, तो उसे इसकी कीमत चुकानी होगी. उन्होंने कहा कि एक तरफ हम हर तरह के प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार रहते हैं लेकिन दूसरी ओर आतंकवाद का खुलेआम समर्थन करने वाले देशों को पुरस्कृत किया जाता है.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत वैश्विक दक्षिण की प्राथमिकताओं और चिंताओं को विश्व मंच पर लाना अपनी जिम्मेदारी समझता है. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से, वैश्विक दक्षिण के देश अनिश्चितता और संघर्षों से सबसे अधिक पीड़ित हैं. वे खाद्य, ईंधन, उर्वरक और वित्तीय मामलों से संबंधित किसी भी परेशानी से सबसे पहले प्रभावित होते हैं.
उन्होंने डीप फेक के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि डीप फेक बहुत बड़ी चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि इसलिए, एआई से बनी हुई सभी चीजों पर वाटर-मार्किंग या स्पष्ट घोषणा की जानी चाहिए. जिससे पता चल सके कि यह एआई से बनाया गया है. उन्होंने कहा कि पिछली सदी में हमने ऊर्जा के लिए प्रतिस्पर्धा देखी और इस सदी में हमें प्रौद्योगिकी के लिए सहयोग करना होगा.