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भारत ने कभी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की: PM मोदी की ट्रंप से बातचीत में दो टूक

 कनाडा में G7 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से 35 मिनट की फोन बातचीत में भारत-पाकिस्तान मुद्दों पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को सिरे से खारिज किया। पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी देते हुए स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर बातचीत सीधे दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई, जिसमें अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि पीएम मोदी ने ट्रंप को क्वाड बैठक के लिए भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे ट्रंप ने स्वीकार किया।


मोदी ने 22 अप्रैल के पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा कि भारत आतंकवाद को अब प्रॉक्सी वार नहीं, बल्कि युद्ध मानता है, और ऑपरेशन सिंदूर जारी है। मिस्री ने यह भी बताया कि 9 मई को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पाकिस्तान के संभावित हमले की चेतावनी दी थी, जिसका भारत ने 9-10 मई को कड़ा जवाब दिया। दोनों नेता निकट भविष्य में मुलाकात की योजना बना रहे हैं।


ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई पहली बातचीत

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मीडिया को बताया, “पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को स्पष्ट रूप से कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के संबंध में कभी भी और किसी भी स्तर पर भारत-अमेरिका ट्रेड डील या अमेरिका की ओर से भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता जैसे विषयों पर बात नहीं हुई थी। सैन्य कार्रवाई रोकने की बात सीधे भारत और पाकिस्तान के बीच हुई। दोनों सेनाओं की बात मौजूदा चैनल्स के माध्यम से हुई थी। पाकिस्तान के ही आग्रह पर ये बातचीत हुई थी।”

विदेश सचिव विक्रम मिस्री के अनुसार, 9 मई की रात को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने ही पीएम मोदी को फोन किया था। उपराष्ट्रपति ने कहा था कि पाकिस्तान भारत पर बड़ा हमला कर सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें साफ शब्दों में बताया था कि यदि ऐसा होता है तो भारत पाकिस्तान को उससे भी बड़ा जवाब देगा। 9 से10 मई की रात को पाकिस्तान के हमले का भारत ने बहुत सशक्त जवाब दिया। पाकिस्तान की सेना को बहुत नुकसान पहुंचाया।

विदेश सचिव के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत में स्पष्ट रूप से कहा कि भारत अब आतंकवाद को प्रॉक्सी वार नहीं, युद्ध के रूप में ही देखता है और “ऑपरेशन सिंदूर” अभी भी जारी है।

विक्रम मिस्री ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि क्या वे कनाडा से लौटते समय अमेरिका में रुकेंगे। पूर्व प्रतिबद्धताओं के कारण प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसा करने में असमर्थता जताई। दोनों नेताओं ने तय किया कि वे निकट भविष्य में मिलने की कोशिश करेंगे।

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