Responsive Ad Slot

Latest

latest


 

राजिम कुंभ मेला में कोसा की प्रदर्शनी आकर्षण का केन्द्र, ग्रामोद्योग विभाग द्वारा लोगों को दी जा रही जानकारी

 रायपुर : राजिम कुंभ कल्प मेला में गरियाबंद जिले के विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी में ग्रामोद्योग विभाग के रेशम प्रभाग का स्टाल लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस स्टाल में किसानों, महिलाओं और आम नागरिकों को कोसा उत्पादन की प्रक्रिया की जानकारी दी जा रही है। अब तक हजारों लोग इस स्टाल पर पहुंचकर कोसा उत्पादन की जानकारी प्राप्त कर चुके हैं। कोसा उत्पादन किसानों के लिए न केवल आय का एक अतिरिक्त जरिया बन सकता है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाने में मददगार होगा।


स्टाल प्रभारी राम गोपाल चौहान ने बताया कि कोसा उत्पादन वन एवं कृषि आधारित रोजगार का एक बेहतरीन जरिया है, जिससे गांवों में ही आजीविका प्राप्त की जा सकती है। छत्तीसगढ़, जो हरितिमा से आच्छादित राज्य है, में खेतों के किनारे अर्जुन के पेड़ लगाकर कोसा उत्पादन किया जा सकता है। अर्जुन पेड़ों की पत्तियों पर कोसा कीड़े तीस दिन में कोसा फल तैयार कर देते हैं, जिसे किसान आसानी से बाजार में बेच सकते हैं।

कोसा उत्पादन कृषि के लिए भी लाभदायक है, क्योंकि इसका पालन खेतों में बायो-फर्टिलाइजर के रूप में भी उपयोगी होता है। प्रति अर्जुन वृक्ष 50 से 60 कोसा फल उत्पन्न होते हैं, जो बाजार में एक से दो रुपये प्रति फल की दर से बिकते हैं। इस प्रक्रिया में 70 प्रतिशत कोसा फल तोड़कर बेचा जाता है, जबकि 30 प्रतिशत को प्राकृतिक वंश वृद्धि के लिए पेड़ों पर ही छोड़ना आवश्यक होता है, जिससे आगे कोसा तितलियां विकसित होकर उत्पादन की श्रृंखला को बनाए रखें।

Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.