Budget 2025 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज (1 फरवरी 2025) को यूनियन बजट पेश करने जा रही हैं। यह मोदी सरकार 3.0 का दूसरा पूर्ण बजट है। इससे पहले लोकसभा चुनाव 2024 के बाद सरकार ने 23 जुलाई 2024 को पहला बजट पेश किया था। सीतारमण का यह लगातार 8वां बजट होगा। इससे पहले मोरारजी देसाई ने लगातार 6 बजट पेश किए थे। बजट सुबह करीब 11 बजे संसद में पेश किया जाएगा। उम्मीद जताई जा रही है कि अपने बजट में वित्त मंत्री कमजोर होती आर्थिक वृद्धि को संभालने, महंगाई कम करने, वेतन वृद्धि में स्थिरता से जूझ रहे मध्यम वर्ग पर दबाव को कम करने जैसे मुद्दों पर फोकस करेंगी, ताकि वित्तीय संतुलन बनाए रखा जाए।
बजट सत्र के पहले दिन (31 जनवरी) सीतारमण ने संसद में इकोनॉमिक सर्वे 2024-25 पेश किया। इकोनॉमिक सर्वे में अगले वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की ग्रोथ रेट 6.3 और 6.8 प्रतिशत के बीच रहने की उम्मीद जताई गई है। सर्वे में कहा गया है कि भारत को वृद्धि की ऊंची रफ्तार को बनाए रखने के लिए अगले दो दशक में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश को लगातार बढ़ाने की जरूरत है।
भारत की सुस्त होती ग्रोथ रेट, लगातार बढ़ती महंगाई और दुनियाभर में छाए अनिश्चितता के बादलों के बीच सभी की नजरें इस बजट पर टिकीं हुई हैं।
किसान, महिला और युवाओं के लिए बड़ी घोषणा की उम्मीद
विशेषज्ञों के अनुसार इस बार के बजट में मोदी सरकार फिर से किसानों, महिलाओं और युवाओं के लिए बड़ी घोषणा कर सकती है। किसानों के मुद्दे पर सरकार काफी आक्रामक तरीके से आगे बढ़ती है। ऐसे में किसानों के लिए कुछ अहम योजनाओं का ऐलान हो सकता है। दूसरी तरफ महिलाओं और युवाओं पर भी आम बजट में कुछ बड़े ऐलान हो सकते हैं।
राज्यों को भी बजट से बड़ी उम्मीदें
इस बार के बजट से राज्यों को भी बड़ी उम्मीदें हैं। हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि केंद्रीय बजट में हिमाचल प्रदेश का विशेष ख्याल रखा जाए। उन्होंने कहा कि खास तौर पर रेलवे लाइन बिछाने के लिए पूरा धन केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध करवाया जाए।
टैक्स स्लैब में होंगे बदलाव?
विशेषज्ञों का का मानना है कि इस बजट में टैक्स में बदलाव हो सकता है। ये भी कहा जा रहा है कि बजट के जरिए टैक्स सुधार को आगे बढ़ाया जा सकता है। तेजी से बढ़ रही महंगाई के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से टैक्स में राहत देने की लोगों की उम्मीदें बढ़ती जा रही हैं। कई सेक्टर्स ने इसे लेकर अपनी मांगें वित्त मंत्री के सामने रखी हैं। इनमें से सबसे अहम हैं सैलरी में बेसिक छूट और स्टैंडर्ड डिडक्शन को महंगाई दर से जोड़ना।
नौकरीपेशा वर्ग को मिलेगी राहत?
निर्मला के बजट से इस बार नौकरीपेशा वर्ग को काफी राहत की उम्मीद है। पीएम मोदी के कार्यकाल मध्यम वर्ग को बहुत खास नहीं मिला है। ऐसे में नौकरी पेशा लोगों की नजरें इस बजट पर है। तो क्या इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मध्यम वर्ग को राहत देंगी?
हेल्थ बजट और आयुष्मान कार्ड की लिमिट को बढ़ाएं
स्वास्थ्य से जुड़े लोग सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने की बात रही है। हेल्थ का बजट जारी होने के बाद उसकी सही मॉनिटरिंग हो, ताकि लोगों तक बजट का लाभ पहुंचे। स्वास्थ्य संबंधित उपकरणों को जीएसटी के दायरे से बाहर किया जाए। आयुष्मान योजना का बजट बढ़ाया जाए ताकि लोगों को योजना का बेहतर लाभ मिल सके। फरीदाबाद जैसे बड़े शहर में एक और बड़े अस्पताल की जरूरत है। इसके साथ ही सरकारी अस्पताल, सामुदायिक स्वस्थ केंद्र व अन्य छोटे सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों का इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारा जाए। पीपीपी मोड पर स्वास्थ सुविधाओं को बेहतर किया जाए।