कसडोल विकासखंड के ग्राम पंचायत रिकोकला के मतदाताओं ने पंचायत चुनाव को लेकर एक ऐतिहासिक और अनुकरणीय पहल की है। इस बार ग्रामीणों ने सरपंच प्रत्याशी के घोषणा पत्र से पहले ही ग्राम विकास मांग पत्र जारी कर अपने मुद्दों और प्राथमिकताओं को सामने रखा है। यह मांग पत्र न केवल ग्राम विकास को नई दिशा देने के लिए तैयार किया गया है, बल्कि सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने के उद्देश्य से भी विशेष रूप से तैयार किया गया है।
मांग पत्र की मुख्य बिंदु:
ग्रामीणों ने मांग पत्र में ग्राम के सर्वांगीण विकास और सामाजिक सुधार के लिए कई प्रमुख मांगों को शामिल किया है, जिनमें :-
0 ग्राम विकास की प्राथमिकताएं सड़क, बिजली, और स्वच्छ पेयजल की बेहतर व्यवस्था।
0 गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता।
0 स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर और स्वरोजगार को बढ़ावा।
0 कृषि संबंधी समस्याओं का समाधान और किसानों के लिए योजनाओं का सही क्रियान्वयन।
0 सामाजिक सुधार के कदम नशा मुक्ति और शराबबंदी को लागू करने के लिए ठोस योजना।
0 जातिवाद और भेदभाव को समाप्त करने के लिए जागरूकता अभियान।
0 महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना, सामाजिक एकता और भाईचारे को बढ़ावा देना । शपथ लेने की अनूठी शर्त ग्रामीणों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जो भी सरपंच पद का प्रत्याशी चुना जाएगा, उसे ग्रामवासियों द्वारा जारी मांग पत्र की हर बिंदु को लागू करने की शपथ लेनी होगी। इस शपथ में सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने और गांव के विकास के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम करने का वचन शामिल होगा।
ग्रामीणों की सोच और दृष्टिकोण ग्राम पंचायत रिकोकला के जागरूक मतदाताओं का कहना है, "यह पहल केवल चुनाव तक सीमित नहीं है, बल्कि हमारे गांव के भविष्य को सुधारने का एक प्रयास है। हम चाहते हैं कि हमारे सरपंच केवल वादे न करें, बल्कि उन वादों को अमल में लाएं। हमारा उद्देश्य ग्राम के विकास के साथ-साथ सामाजिक कुरीतियों का अंत करना है।"
अन्य पंचायतों के लिए मिसाल यह पहल केवल रिकोकला तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह अन्य ग्राम पंचायतों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनेगी। ग्रामीणों का यह कदम लोकतंत्र को सशक्त बनाने और जनता की भागीदारी को सुनिश्चित करने का एक सशक्त उदाहरण है।