Shardiya Navratri 2024: आज पंचमहायोग में नवरात्रि शुरू हो गई है। इस बार तृतीया तिथि दो दिनों तक रहेगी। इस तिथि की गड़बड़ी से अष्टमी और महानवमी की पूजा 11 तारीख को होगी। 12 अक्टूबर, शनिवार को दशहरा मनेगा। तिथि की गड़बड़ी के बावजूद देवी पूजा के लिए पूरे नौ दिन मिलेंगे।
आज पर्वत, शंख, पारिजात, बुधादित्य और भद्र नाम के पांच राजयोग में नवरात्रि शुरू हो रही है। ज्योतिषियों का मानना है कि इन पंचमहायोग में घट स्थापना होने से देवी आराधना का शुभ फल और बढ़ जाएगा। नवरात्रि के पहले दिन घट (कलश) स्थापना की जाती है। इसे माता की चौकी बैठाना भी कहा जाता है। इसके लिए दिनभर में दो ही मुहूर्त रहेंगे।
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री पूजा के साथ गुरुवार व्रत भी है. गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और देवों के गुरु बृहस्पति की पूजा करते हैं. इनकी पूजा में पीले फूल, हल्दी, अक्षत्, चंदन, तुलसी के पत्ते, पंचामृत आदि शामिल करते हैं. भगवान विष्णु को गुड़, चने की दाल, बेसन के लड्डू का भोग लगाएं. पूजा के समय ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें. विष्णु सहस्रनाम, गुरुवार व्रत कथा का पाठ और बृहस्पति देव के बीज मंत्र का जाप करें. इससे कुंडली का गुरु दोष दूर होगा. इस उपाय से जल्द विवाह के योग भी बन सकते हैं. गुरुवार के दिन पीले चावल, पीले कपड़ और फूल, गुड़, घी, पीतल के बर्तन, धार्मिक पुस्तक आदि का शुभ फलदायी होता है. वैदिक पंचांग से जानते हैं शारदीय नवरात्रि के पहले दिन का शुभ मुहूर्त, सूर्योदय, चंद्रोदय, दिशाशूल, राहुकाल.