महासमुन्द। यदि आप नकारात्मक सोच से परेशान हैं। जीवन यात्रा में सबकुछ आपके सोच के प्रतिकूल हो रहा है। आप निराशा और तनावग्रस्त महसूस करते हैं। तो यह खबर खासकर आपके लिए है। ज्ञान की इन चार बातों को आत्मसात कर लें, तो जीवन जीने का नजरिया ही बदल जाएगा। आगे जानेंगे क्या है वह चार बातें-
बीके वीरेंद्र भाई और सूरज भाई के साथ संपादक आनंदराम पत्रकारश्री |
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय महासमुन्द नयापारा स्थित उपकार भवन में आज ज्ञान की पाठशाला हुई। मधुबन (आबू रोड) से यहाँ पहुंचे ब्रम्हाकुमार वीरेंद्र भाई और सूरज भाई ने ईश्वरीय परिवार को संबोधित किया।
ईश्वरीय परिवार को संबोधित करते हुए बीके प्रीति बहन |
महासमुन्द केंद्र प्रमुख ब्रम्हाकुमारी प्रीति बहन के सानिध्य में ईश्वरीय ज्ञान की चार बातें वीरेंद्र भाई ने कंठस्थ कराई। उन्होंने कहा कि पुरुषार्थ से सबकुछ संभव है। जो भी व्यक्ति, सर्वशक्तिमान परमात्मा (शिव बाबा) के नशे में रहते हैं, उनके सामने कोई विघ्न नहीं टिकती है। विषम परिस्थितियां आ ही नहीं सकती। जो सर्वशक्तिमान की हमेशा याद में रहते हैं, सफलता उनकी कदम चूमती है। हमें यह हमेशा याद रखने की आवश्यकता है कि "मैं सर्वशक्तिमान आत्मा हूँ, सफलता मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है।" इससे जीवन के हर पड़ाव पर सफलता सुनिश्चित है। उन्होंने कहा कि जो आत्मा सर्वशक्तिमान के नशे में रहती हैं, वह संकल्प शक्ति से जो चाहें, कर सकते हैं। मनोवांछित फल प्राप्त कर सकते हैं। और जो आत्मा सर्वशक्तिमान के नशे में रहती हैं, सारा संसार उनका सम्मान करता है। प्रकृति भी उनका सम्मान करती है।
ज्ञान चर्चा में उपस्थित ब्रम्हकुमारी बहनें |
बीके वीरेंद्र भाई ने ज्ञान की पाठशाला में भेंट मुलाकात के दौरान प्रातः स्मरण के लिए चार मूलमंत्र दिए। जिसका प्रयोग नियमित रूप से करके हम स्वस्थ, सुखी, धनवान और पवित्र रह सकते हैं। उन्होंने बताया कि ब्रम्ह मुहूर्त में जागकर इन चार वाक्यों का प्रतिदिन स्मरण (ध्यान) करना चाहिए:-
इस मूल मंत्र से देह अभिमान से मुक्ति मिलती है। सुख, धन धान्य, सफलता, पवित्रता और बेहतर स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। निरंतर अभ्यास करें, जीवन में अमूलचूल बदलाव महसूस करेंगे।