PM Modi US Visit: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की नामी गिरामी प्रौद्योगिकी कंपनियों के सीईओ के साथ राउंड टेबल मीटिंग में कहा कि भारत पांच साल में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। यह लक्ष्य हम अपने तीसरे कार्यकाल में हासिल कर लेंगे। आज हमारा इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर 150 बिलियन डॉलर से अधिक का है। हमारा लक्ष्य इसे 2030 तक 500 बिलियन डॉलर तक ले जाने का है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका की यात्रा के दौरान यहां कहा कि इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए भारत इंडस्ट्री के साथ जितना सहयोग हो सकता है वह करने के लिए तैयार हैं। भारत में 500 मिलियन से ज्यादा कामकाजी लोग हैं। देश का यूथ स्टीम की पढ़ाई में काफी रुचि ले रहा है। खासकर बेटियां इन क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं। आज युवा की ट्रेनिंग और अपस्केलिंग बहुत जरूरी है।
पिछले 10 साल से भारत रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के मंत्र को लेकर आगे चल रहा है
उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल से भारत रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के मंत्र को लेकर आगे चल रहा है। आज का भारत महत्वाकांक्षी सपने देखता है। उन्हें पूरा करने का भरसक प्रयास भी करता है। 21वीं सदी तकनीकी संचालित है। इसलिए तकनीक और लोकतंत्र में संतुलन बहुत जरूरी है। लोकतांत्रिक मूल्य और तकनीक का मेल मानव कल्याण की गारंटी देता है। भारत के पास प्रतिभा, लोकतंत्र और मार्केट है। ऐसी गोल्डन ऑपर्च्युनिटी नायाब होती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान पिछले वर्ष की अपनी वाशिंगटन यात्रा का जिक्र किया। उन्होंने कहा मुझे तब एक कार्यक्रम में आपमें से कई साथियों से मिलने का मौका मिला। आज एक साल बाद यहां दुनिया के बड़े-बड़े इनोवेटर के साथ बैठक कर गर्व महसूस हो रहा है।
गौरतलब हो, अमेरिका की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की नामी गिरामी प्रौद्योगिकी कंपनियों व उद्योग जगत के नेताओं से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने भारत द्वारा दुनिया को दिए जाने वाले अवसरों और संभावनाओं पर चर्चा की। न्यूयॉर्क में प्रौद्योगिकी जगत के शीर्ष सीईओ के साथ अपनी बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी व्यापार जगत के नेताओं को इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी यानी बौद्धिक संपदा की सुरक्षा और तकनीक-नवाचार को बढ़ावा देने के लिए भारत की गहरी प्रतिबद्धता का भरोसा दिलाया।
पीएम मोदी ने इन कंपनियों के सीईओ से की मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आयोजित गोलमेज सम्मेलन में एडोब के अध्यक्ष और सीईओ शांतनु नारायण, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, आईबीएम के सीईओ अरविंद कृष्णा, एएमडी की सीईओ लिसा सू और एनवीडिया के जेन्सेन हुआंग समेत कई प्रमुख कंपनियों के प्रमुख लोग शामिल हुए। अमेरिका की अपनी यात्रा के दूसरे दिन इस बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, सेमीकंडक्टर और बायोटेक्नोलॉजी के अत्याधुनिक क्षेत्रों में अमेरिका और भारत के बीच अधिक सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की।
इन विषयों पर हुई गहन चर्चा
प्रधानमंत्री कार्यालय के आधिकारिक बयान के अनुसार, चर्चा वैश्विक प्रौद्योगिकी परिदृश्य और मानव विकास तथा विश्व अर्थव्यवस्था पर नवाचारों के प्रभाव के इर्द-गिर्द घूमती रही। सीईओ ने इस बारे में जानकारी साझा की कि किस तरह उनकी कंपनियां नवाचार के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठा रही हैं और भारत के साथ सहयोग करने में गहरी रुचि रखती हैं।
पीएम मोदी ने भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के लिए महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों पर भारत-अमेरिका पहल (ICET) जैसी पहलों के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भारत और अमेरिका के बीच प्रौद्योगिकी सहयोग आपसी लाभ और विकास को बढ़ावा दे सकता है।
‘एक्स’ पर एक सोशल मीडिया पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा, “न्यूयॉर्क में प्रौद्योगिकी सीईओ के साथ एक उपयोगी राउंड टेबल मीटिंग हुई, जिसमें प्रौद्योगिकी, नवाचार और अन्य से संबंधित पहलुओं पर चर्चा की गई। इस क्षेत्र में भारत द्वारा की गई प्रगति पर भी प्रकाश डाला। मुझे भारत के प्रति अपार आशावाद देखकर खुशी हुई”।
पीएम मोदी ने भारत में इन क्षेत्रों में अवसर तलाशने के लिए कंपनियों को किया आमंत्रित
पीएम मोदी ने बैठक में भाग लेने वाली कंपनियों को भारत में सह-विकास, सह-डिजाइन और सह-उत्पादन के अवसरों का पता लगाने के लिए आमंत्रित किया, जिसमें भारत के तेजी से आर्थिक और तकनीकी परिवर्तन की ओर इशारा किया गया। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी विनिर्माण, सेमीकंडक्टर उत्पादन, बायोटेक उन्नति और हरित विकास में भारत के रणनीतिक प्रयासों पर जोर दिया।
भारत को सेमीकंडक्टर विनिर्माण के लिए वैश्विक केंद्र में बदलने के लिए सरकार की योजनाओं को किया रेखांकित
पीएम मोदी ने भारत को सेमीकंडक्टर विनिर्माण के लिए वैश्विक केंद्र में बदलने के लिए अपनी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को रेखांकित किया और भारत को बायोटेक पावरहाउस बनाने के उद्देश्य से BIO E3 नीति का उल्लेख किया। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर, प्रधानमंत्री ने सभी के लिए एआई को बढ़ावा देने पर भारत के फोकस को दोहराया, इस तकनीक के नैतिक और जिम्मेदार उपयोग पर जोर दिया।
कंपनियों के सीईओ ने भारत के साथ निवेश और सहयोग बढ़ाने में की रुचि व्यक्त
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर लिखा, “पीएम मोदी ने आज न्यूयॉर्क में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग द्वारा आयोजित गोलमेज सम्मेलन में यूएसए के शीर्ष तकनीकी नेताओं और सीईओ के साथ बातचीत की।” एक अलग द्विपक्षीय बैठक में, पीएम मोदी ने होलटेक इंटरनेशनल के संस्थापक और सीईओ कृष्ण सिंह के साथ भी बातचीत की।
विदेश मंत्रालय के सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार, बैठक के दौरान पीएम मोदी और कृष्ण सिंह ने भारत में विनिर्माण का विस्तार करने की होलटेक की योजना और असैन्य परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की संभावनाओं पर चर्चा की।
इससे पहले शनिवार (स्थानीय समयानुसार) को, प्रधानमंत्री ने डेलावेयर में क्वाड लीडर्स समिट में भाग लिया, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने भाग लिया। रविवार को प्रधानमंत्री ने लॉन्ग आइलैंड में भारतीय समुदाय के एक सम्मेलन को संबोधित किया। वहीं भारत के लिए रवाना होने से पहले वे न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में “भविष्य के शिखर सम्मेलन” में भाषण देंगे।