नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के बस्तर से दिल्ली आए नक्सली हिंसा के पीड़ितों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की है. नक्सली हिंसा में अपने शरीर के अंग को चुके इन पीड़ितों ने राष्ट्रपति से अपना दुख साझा किया. बस्तर में फिर से शांति और नक्सली हिंसा की समाप्ति की मांग की. इसके बाद बस्तर शांति समिति का दल नक्सल हिंसा से पीड़ित कर्तव्य पथ पर पहुंचे. जहां उन्होंने नक्सलवाद के खात्मे के नारे लगाए।
राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी द्वारा अहिंसा के मार्ग पर चलने के सिध्दांत का जिक्र करते हुए कहा कि लोकतंत्र का रास्ता भी यही है। इस हिंसा से त्रस्त दुनिया में हमें शांति और सहिष्णुता के मार्ग पर चलने की कोशिश करनी चाहिए।
गौरतलब है कि इससे पहले नक्सल पीड़ितों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। उस दौरान शाह ने कहा था कि मोदी सरकार ने बस्तर के 4 जिलों को छोड़कर पूरे देश में नक्सलवाद को खत्म करने में सफल रही है। वहीं देश से नक्सलवाद को अंतिम विदाई देने के लिए 31 मार्च 2026 की तारीख तय की गई है। गृह मंत्री ने नक्सलवाद को खत्म करने के साथ-साथ नक्सलियों से आत्मसमर्पण कर अपने हथियार को छोड़ने की अपील की थी।