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महासमुंद : जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक में खरीफ फसल सिंचाई हेतु पानी देने सहमति, विधायक सिन्हा ने अतिशीघ्र पानी छोड़ने के दिए निर्देश

 महासमुंद : आज यहां कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक हुई। बैठक में महासमुंद विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा की विशेष उपस्थिति में खरीफ फसल के लिए खेतों में पानी देने पर निर्णय लिया गया। विधायक सिन्हा ने कहा कि किसानों की मांग और मौसम को देखते हुए किसानों को पानी देना आवश्यक है। अतः आज शाम से ही खेतों में पानी दिया जाए।


इसके लिए जिले के कोडार जलाशय परियोजना, केशवा जलाशय सहित लघु सिंचाई जलाशयों से भी पानी दिया जाएगा। इसके लिए कोटवार के माध्यम से मुनादी करके किसानों तक जानकारी पहुंचाई जाए। अंतिम छोर तक पानी पहुंचे इसके लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाए।

विधायक सिन्हा ने जिले के वृहद, मध्यम एवं लघु सिंचाई जलाशयों से खरीफ फसल सिंचाई हेतु आवश्यक जल प्रदान करने के संबंध में समीक्षा की। बैठक में महासमुंद विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा ने कहा कि किसानों की मांग और जलभराव के आधार पर खरीफ फसल सिंचाई हेतु किसानों को जल प्रदाय किया जाए। उन्होंने कहा कि नहर में जल प्रवाह के दौरान किसी तरह नहर के तटों को काटकर पानी के उपयोग पर पाबंदी लगाया जाए। यदि कोई तट काटकर पानी ले जाने की कोशिश करते है तो उन पर भी कार्यवाही की जाए। कोशिश हो कि अंतिम छोर तक पानी खेतों तक पहुंचे।

बैठक में जिले के सभी जलाशयों में जलभराव की स्थिति की समीक्षा की गई। साथ ही उन्होंने कहा कि नदी के संरक्षण के लिए इसके तट पर बनने वाले किसी भी निर्माण कार्य पर रोक लगाई जाए। इसके लिए जल संसाधन विभाग, राजस्व विभाग के साथ मिलकर आवश्यक कार्यवाही करें। बैठक में जिला पंचायत सीईओ एस. आलोक, जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री अजय खरे, समस्त अनुविभागीय अधिकारी, कृषि उप संचालक एफ.आर. कश्यप तथा अन्य अधिकारी मौजूद थे।

जल संसाधन के मुख्य कार्यपालन अभियंता अजय कुमार खरे ने बताया कि कोडार वृहद परियोजना में जल भराव की क्षमता 149 मि.घ.मी. है। वर्तमान में 63.02 मि.घ.मी. पानी संग्रहित है। जलाशय से प्रथम सिंचाई हेतु 41.12 मि.घ.मी. का उपयोग किया जा सकता है। इससे बायीं व दायी तट नहर से लगभग 49 गांव के 16754 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। इसी तरह केशवा जलाशय में वर्तमान में 8.36 मि.घ.मी. पानी है। जिसमें से प्रथम सिंचाई हेतु 4.36 मि.घ.मी. जलभराव का उपयोग किया जा सकता है। इससे मुख्य नहर से अनुबंधित 2700 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।

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