रायपुर : एक तरफ शासन की ओर से राजस्व मामलों को निपटाने के लिए शिविर लगाए जा रहे हैं, दूसरी ओर पटवारी संघ अपनी 32 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर चला गया है। इसकी वजह से आम आदमी आय, जाति, निवास, नामांतरण सहित अन्य कार्यों के लिए तो परेशान है, लेकिन रसूखदारों के काम अब भी धड़ल्ले से रहे हैं।
राजस्व पटवारी संघ का दावा है, कि 5,000 पटवारी हड़ताल पर हैं, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि पिछले चार दिनों में हड़ताल की अवधि के दौरान पिछले दरवाजे से सैकडों पटवारियों ने लोगों के काम निपटाए हैं। इतना ही नहीं, प्रदेशभर में लगभग 250 पटवारी परिवीक्षा अवधि में कार्य कर रहे हैं और नियमानुसार वे सभी हड़ताल पर नहीं जा सकते। लेकिन इसके बावजूद वे 250 पटवारी भी हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं और काम छोड़कर धरना स्थल में जाकर विराेध प्रदर्शन कर रहे हैं।
इसी बीच विभागीय अफसरों के अनुसार पटवारियों से चर्चा की जा रही है कि वे विराेध छोड़कर काम पर वापस लौट जाएं, लेकिन अब तक हड़ताली पटवारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसी बीच पटवारी संघ का कहना है कि संघ की मांगों को लेकर विभागीय सचिव से चर्चा की गई है और जिसमें सचिव की ओर से मांगों पर सहमति जताते हुए, इन्हें हल करने की कोशिश करने की बात कही है।
निशर्त खत्म हुई थी पिछली हड़ताल
राजस्व पटवारी संघ ने एक साल पहले भी हड़ताल किया था, उस दौरान यह हड़ताल लगभग एक महीने तक चली थी और इसके बाद शासन ने पहले तो पटवारियों की आइडी को बंद किया था और इसके बाद एस्मा तक लगाने की नौबत आ गई थी। इसके बाद जाकर शासन के दबाव के बाद ही पटवारियों ने नि:शर्त हड़ताल वापस ली थी।