महासमुन्द । महासमुंद कांग्रेस जिला अध्यक्ष डॉ रश्मि चंद्राकर ने कहा कि महासमुंद जिले कई ग्रामों में अवैध महुआ शराब बिक्री भाजपा शासन आने के बाद फल फूल रही है। अवैध शराब बिक्री आबकारी और पुलिस प्रशासन के संरक्षण में कई ग्रामों में किया जा रहा है, जिसका नतीजा है आज महासमुंद जिले में दो शराबी पिताओं की शर्मनाक हरकत सामने आया है। एक ने पुत्र की हत्या की,दूसरे ने बेटी से अनाचार। पिथौरा क्षेत्र में एक पिता ने नशे में अपने ही पुत्र की हत्या कर दी। वहीं एक अन्य पिता ने नशे में अपनी ही पुत्री को अनाचार का शिकार बना दिया। दोनों ही मामलों में जिस तरह दोनों पिताओं ने अपने ही सगे पुत्र-पुत्रियों के साथ हरकत की इसकी जिम्मेदार शराब को ही माना जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार का दिन दो शराबी पिताओं की घटिया करतूत का रहा।पहली घटना पिथौरा नगर के समीप स्थित ग्राम पंचायत भिथिडीह के कमारो के ग्राम कमारपारा की है। यहां का निवासी दीवान कमार (55) प्रतिदिन की तरहः क्षेत्र में आसानी से उपलब्ध शराब पीकर आपस मे पति पत्नी एवम पुत्र लड़ाई कर रहे है। इस बीच दीवान की पत्नी अपने पुत्र राजू कमार (22) को घर मे छोड़कर खुद समीप के ग्राम चरौदा में आयोजित रथयात्रा घूमने चली गयी। पत्नी के जाने के बाद पिता दीवान एवम पुत्र राजू पुनः लड़ने लगे। इस लड़ाई में पिता दीवान ने अपने पुत्र राजू के सीने पर धारदार हथियार से वार कर दिया।जिससे राजू की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी।
दूसरी घटना में शराब पीकर धुत्त पिता ने अपनी ही नाबालिग पुत्री को अपनी हवस का शिकार बना लिया। घटना के बारे में बताया जा रहा है कि क्षेत्र का निवासी एक व्यक्ति अपनी पुत्री को लेने गया था। अपनी 13 वर्षीय नाबालिग मासूम पुत्री पर शराब के नशे में धुत पिता की नीयत खराब हो गयी और उसने कोमाखान के समीप अनाचार की घटना को अंजाम दिया। डॉ रश्मि चंद्राकर ने कहा कि शराब ने दो जिंदगियां बर्बाद की है।
उक्त दोनों घटनाओं में अनेक समानताएं है। दोनों ही घटनाओं के आरोपी पिता ही है जिन्होंने अपने ही पाल पोसकर बड़े किये बच्चों पर शर्मनाक अत्याचार किये। माना जा रहा है कि उक्त घटनाओ का मुख्य कारण शराब का नशा ही है। यदि दोनों आरोपी पिता पर शराब हावी नही होती तो शायद ये घटनाएं भी नही होती। अगर पुलिस प्रशासन और आबकारी विभाग गांवो में बिक रही अवैध शराब पर लगाम लगाती तो इस प्रकार की घटनाएं नही घटती। लेकिन अवैध शराब बिक्री पर भाजपा शासन और जिला प्रशासन गंभीर नहीं है। इन दिनों ग्रामीण अंचलों में कच्ची महुआ शराब की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। शराब के नशे में होने के कारण अधिकांश सड़क हादसा के शिकार हो रहे हैं। लोग अपनी जान गंवा रहे हैं जिससे किसी मां की बेटा तो किसी बहन की भाई तो किसी मासूम की पिता छीन जा रही है। आए दिन आपसी विवाद की वजह से किसी का भी जान लेने तक उतारू हो रहे हैं । ग्रामीण अंचलों में जहां शराब बिकता है, वहां शराबियों का हुजूम लग जाता है और आसपास के लोग हमेशा डरे सहमे रहते हैं। भाजपा सरकार अवैध शराब बेचने वालों को सह दे रही है। तभी तो शराबबंदी की मांग करने वाली भाजपा सरकार शराब बंदी पर मौन है।