Vat Savitri Vrat 2024: वट सावित्री का व्रत विवाहित महिलाओं के लिए बेहद खास होता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. साथ ही, इस दिन भगवान शिव और पार्वती की पूजा की जाती है. वट सावित्री के दिन बरगद के पेड़ की पूजा करने का रिवाज है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा क्यों की जाती है?
क्यों किया जाता है वट सावित्री व्रत, जानिए क्या है इसकी महिमा और पूजा विधि, पढ़े पूरी खबर
क्यों की जाती है बरगद के पेड़ की पूजा?
पौराणिक कथाओं के अनुसार बरगद के पेड़ के नीचे ही सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण वापस देने के लिए अनुरोध किया था. वहीं, माना जाता है कि बरगद के पेड़ में त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास वास है. इसलिए वट सावित्री के दिन बरगद के पेड़ की पूजा का काफी महत्व माना जाता है.
कैसे करें वट सावित्री पूजा?
इस दिन सुहागिन महिलाएं बरगद के पेड़ ki परिक्रमा करती हैं और सात बार पेड़ पर सूत का धागा लपेटती हैं. इसके बाद, बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर त्यवान सावित्री की कथा सुनाई जाती है.
वट सावित्री के दिन क्या करें
वट सावित्री व्रत के दिन सादा खाना खाएं. खाने में लहसुन और प्याज न डालें. इसके अलावा, इस दिन दान करने से भी लाभ मिलेगा. इस दिन सुहागिन महिलाओं को श्रृंगार से जुड़ी चीज़ें दान करें.
कब है वट सावित्री व्रत?
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार अमावस्या तिथि की शुरुआत 5 जून को रात 7 बजकर 54 मिनट पर होगी और समापन 6 जून को शाम 6 बजकर 07 मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, इस बार वट सावित्री का व्रत 6 जून को ही रखा जाएगा.