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ये कैसा जंगल राज : 25 दिन बाद वन विभाग ने माना महासमुन्द-बलौदाबाजार क्षेत्र में विचरण कर रहा है बाघ !


मीडिया की खबरों को झुठलाते रहे वन विभाग के जिला अधिकारी

आनंदराम पत्रकारश्री.

महासमुन्द/बलौदाबाजार। वन विभाग में जंगल राज चल रहा है? यह हम नहीं, क्षेत्र के वनवासी कह रहे हैं। सात मार्च को दो शासकीय सेवक (एक शिक्षक और एक पंचायत सचिव) ने सिरपुर रोड (महासमुन्द) किनारे पहली बार बाघ को देखा। उन्होंने सबूत के तौर पर बाघ का वीडियो भी बनाया। जब शोसल मीडिया में वीडियो वायरल हुआ, तो कुम्भकर्णी निद्रा से जागे वन विभाग के अफसर शहरों से सरपट गांव की ओर भागे। साथ ही क्षेत्र में बाघ होने की सूचना को झुठलाने का हर संभव प्रयास किया। वायरल वीडियो को दूसरे क्षेत्र का होना बताया। इस बीच लगातार मवेशियों का शिकार कर अपनी उपस्थिति का अहसास करा रहे बाघ से सिरपुर क्षेत्र में दहशत फैलने लगी। वन्यजीव के तथाकथित शिकारी सक्रिय हो गए। वन विभाग के मैदानी अमला का हाथ पांव फूलने लगा। यदि किसी ने बाघ को मौत के घाट उतार दिया तो आफत आ जाएगी। जैसे-तैसे क्षेत्र के ग्रामीणों को धमका-चमका कर बाघ का फोटो-वीडियो वायरल नहीं करने के लिए अभियान चलाया गया। इसमें वन अधिकारी सफल भी हुए। महासमुन्द वनमण्डल के अधिकारियों ने बाघ के संबंध में कभी कोई जानकारी साझा करने में रुचि नहीं दिखाई। अब 25 दिन बाद बलौदाबाजार वनमण्डल के अधिकारी द्वारा इस संबंध में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी जा रही है। इसे लेकर महासमुन्द वनमण्डल की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाया जा रहा है।



पढ़िए:- वन विभाग की ओर से जारी यह प्रेस विज्ञप्ति

दिनांक 07/03/2024 को शिक्षक श्री कांशीराम पटेल एवं सचिव श्री ओमप्रकाश पटेल ग्राम पंचायत बंदोरा कार से जा रहे थे, तब छपोराडीह से सिरपुर मार्ग पर शाम 05:45 बजे ग्राम बांसकूड़ा से सिरपुर मार्ग में एक नग बाघ को रोड़ पार करते हुए देखा गया। शिक्षक पटेल द्वारा मोबाईल से विडियो बनाया गया है। शिक्षक द्वारा उक्त जानकारी वनमण्डलाधिकारी महासमुन्द को दी गई। सूचना प्राप्त होते ही जिला बलौदाबाजार-भाटापारा के वन अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा क्षेत्र की रात्रि गश्त की गई। दूसरे दिन 08/03/2024 को रायकेरा एवं सुकुलबाय के ग्रामीणों द्वारा पुनः बाघ देखने की सूचना दी गई। जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए वनमण्डलाधिकारी महासमुन्द की अध्यक्षता एवं वनमण्डलाधिकारी बलौदाबाजार तथा वन विकास निगम के बारनवापारा परियोजना मण्डल की टीम गठित कर कार्यवाही की गई। जिससे अमलोर, सुकुलबाय में मवेशियों की मृत्यु होना पाया गया। मवेशियों को मारने के तरीके हिंसक वन्यप्राणी तेन्दूआ जैसे थे। दिनांक 12/03/2024 को जिले के अंतर्गत ट्रेकिंग के दौरान बाघ के पंजे का निशान पगडंडी में प्राप्त हुए। दिनांक 14/03/2024 को बलौदाबाजार वनमण्डल के परिक्षेत्र बल्दाकछार के कर्मचारी द्वारा बाघ को प्रत्यक्ष रूप से देखा गया एवं पुष्टि की गई। तत्पश्चात् विभाग के द्वारा NICA द्वारा जारी SOP/प्रोटोकॉल का पालन कर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है।

जिला बलौदाबाजार-भाटापारा एवं महसमुन्द जिला में वन विकास निगम के परिक्षेत्र रवान्, बार एवं सिरपुर परिक्षेत्र का आंशिक भाग है। वन विभाग द्वारा विभागीय अमला, डॉग स्क्वायड, NGO संस्था के माध्यम से लगातार ग्रामीणों को जंगल ना जाने हेतु एवं बाघ के विचरण के संबंध में सचेत किया जा रहा है। साथ ही साथ विभागीय अमले के द्वारा लगातार रात्रि गश्ती कर क्षेत्र को नियंत्रण करने का प्रयास किया जा रहा है। सुरक्षा की दृष्टि से वन विकास निगम क्षेत्र के अंतर्गत वनक्षेत्रों में प्रवेश रोकने के लिये अस्थाई बेरियर का निर्माण किया गया है। परिस्थतियों को ध्यान में रखते हुए बाघ की सुरक्षा हेतु 03 ट्रेकिंग टीम वनमण्डल बलौदाबाजार, वनमण्डल महासमुन्द्र, वन विकास निगम की गठित कर नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी रायपुर के श्री एम. सूरज तथा वसुंधरा सोसाइटी फार कंजर्वेशन आफ नेचर के श्री गौरव निहलानी के सहयोग से लगातार ट्रेकिंग किया जा रहा है, साथ ही जन-जागरुकता हेतु बलौदाबाजार वनमण्डल द्वारा 07 परिक्षेत्रों की अलग-अलग टीम बनाकर दिवसवार रात्रिगश्त करते हुये उपरोक्त ग्रामों में ग्राम प्रमुखों एवं जनप्रतिनिधियों को सूचना देकर ग्रामीणों को अनावश्क वनक्षेत्र में ना जाने की लगातार समझाईस दिया जा रहा है। वनमण्डलाधिकारी (बलौदाबाजार वनमण्डल बलौदाबाजार )

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