रायपुर : दुर्ग से विशाखापट्टनम तक वंदे-भारत एक्सप्रेस दौड़ेगी. यह ट्रेन आचार संहिता खत्म होने के बाद जून से शुरू होगी. इसका समय भी तय कर दिया गया है. दुर्ग स्टेशन के कोचिंग यार्ड में बने कंपोजिट पिट में इसका रख-रखाव और मेंटेनेंस किया जाएगा. दरअसल, 12 मार्च को वन स्टेशन वन स्टॉल का उद्घाटन करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑनलाइन कार्यक्रम में इसका लोकार्पण किया था. दुर्ग-विशाखापट्टनम लेन पर वंदे-भारत एक्सप्रेस चलाने के लिए पिछले दिनों मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव को चिट्ठी लिखी है.
चिट्टी में उन्होंने कहा है कि दुर्ग, भिलाई, चरोदा, कुम्हारी और राजधानी रायपुर में बड़ी संख्या में आंध्र प्रदेश के मूल निवासी रहते हैं. अधिकांश लोग आंध्र प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहते हैं. वह अक्सर अपने पैतृक निवास और सामाजिक कार्यों में शामिल होने के लिए विशाखापट्टनम और उसके आसपास के क्षेत्रों में आते-जाते रहते हैं, लेकिन कम समय में सीधी रेल सुविधा का अभाव है.
विशाखापट्टनम उच्च शिक्षा, पर्यटन और व्यावसायिक केंद्र है. यहां के स्कूलों, इंजीनियरिंग कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में दुर्ग-भिलाई और रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के अनेक बच्चे पढ़ते हैं. यहां बंदरगाह होने के कारण कोयला, जिप्सम, कोक, अनाज और अन्य वस्तुओं का आयात-निर्यात होता है. इसकी वजह से लोगों को विशाखापट्टनम बार-बार आना-जाना पड़ता है.
ट्रेन विशाखापट्टनम के लिए मिलेगी वंदे-भारत एक्सप्रेस के शुरू होने से दुर्ग से विशाखापट्टनम जाने के लिए दूसरी सीधी ट्रेन मिलेगी. इन दिनों दुर्ग-विशाखापट्टनम् वाल्टेयर एक्सप्रेस चल रही है. यह ट्रेन 48 स्टेशनों में रुकती है. यह इसमें करीब 16 घंटे का सफर होता है. इस तरह वंदे-भारत एक्सप्रेस में लगभग आधे समय में यानी 8.30 घंटे में विशाखापट्टनम पहुंच सकेंगे और उसी दिन काम पूरा करके वापस लौट भी लौट सकेंगे. इसकी औसत गति 66.47 किलोमीटर प्रतिघंटे रहेगी.
दुर्ग से यह ट्रेन सुबह 6 बजे निकलेगी और दोपहर 2.30 बजे विशाखापट्टनम पहुंचेगी. दोपहर 3.15 को विशाखापट्टनम से छूटेगी साढ़े आठ घंटे में 565 किलोमीटर की दूरी तय कर रात 11.50 को दुर्ग स्टेशन पहुंचेगी. यह ट्रेन दुर्ग से रायपुर, लखोली, महासमुंद, खरियार-रोड, कांटा-भांजी, टिटलागढ़, सिंगापुर-रोड, रायगढ़ा, पार्वतीपुरम् और विजयानगरम होते हुए विशाखापट्टनम पहुंचेगी।