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शिवालय की नगरी आरंग, जहाँ कभी स्थापित थे 107 शिवलिंग, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार त्रेता युग में भगवान श्रीराम और द्वापर में श्रीकृष्ण का आरंग आगमन हुआ

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 भुनेश्वर साहू.


आरंग । मंदिरों और शिवालयों की नगरी आरंग, आज भी कई रहस्यों को अपने गर्भ में समेटे हुए है। मान्यता है कि यहां त्रेता युग में भगवान श्रीराम और द्वापर में श्रीकृष्ण का आगमन हुआ । यह विश्व का एकमात्र स्थान है जहां दोनों युगों में अवतरित भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण का आगमन हुआ।जन आस्थानुसार प्राचीन काल में इस नगर में 107 शिवलिंग स्थापित थे। प्रायः हर किसी के जुबान से सुनने को मिलता है कि एक शिवलिंग कम होने के कारण आरंग को शिव काशी का दर्जा नहीं मिल सका। आज भी नगर के चारों दिशाओं में अनेक स्वयंभू शिवलिंग विराजमान है। यही कारण है कि इस नगर को शिवालयों की नगरी भी कहा जाता है। वैसे तो साल भर शिवालयों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। पर विशेष रूप से महाशिवरात्रि और श्रावण मास में नगर के समस्त शिवालयों व देवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है।


स्वप्न में आए महादेव, मोरध्वज महोत्सव की बनी रूपरेखा

नगर के इतिहास में रूचि रखने वाले स्वयंसेवी सामाजिक संगठन पीपला वेलफेयर फाउंडेशन के संयोजक महेन्द्र पटेल बताते हैं कि गत वर्ष राजा मोरध्वज महोत्सव के दरम्यान बाबा बागेश्वरनाथ महादेव ने लोधी स्कूल पारा निवासी समाजसेवी रमेश देवांगन को स्वप्न देकर कहा था कि राजा मोरध्वज कृष्ण भक्त के साथ साथ शिव भक्त भी थे। स्वप्न में मोरध्वज महोत्सव का आदेश हुआ, जिसे फलीभूत करने पीपला फाउंडेशन ने पुरजोर प्रयास किया। आरंग नगरी पौराणिक काल से ही शिवालयों की नगरी है। इसलिए यहाँ महाशिवरात्रि पर्व का विशेष महत्व है।

नगर के इन स्थानों में विराजमान हैं 44 प्राचीन शिवलिंग

- पंचमेश्वर (पंचमुखी) महादेव परिसर में 6, ठाकुरदिया तालाब किनारे 2, डमौवा तालाब किनारे 2, जोबेश्वर महादेव 1, नगर का सबसे विशाल भुनेश्वर महादेव 1, बलदेश्वर 1, झलमला तालाब किनारे 2, जलसेन तालाब किनारे ज्ञानेश्वर महादेव 2, सोनीपारा सब्जी मार्केट 1, रानीसागर तालाब त्रिलोकी महादेव 4, जलसेन तालाब किनारे बागेश्वर पारा 1, बाबा बागेश्वर महादेव 1, राजराजेश्वर मछली चौंक 1, भुरेश्वर 1, झंझनेश्वर 1, झंझनेश्वर से संलग्न 1, वटेश्वर (चंपेश्वर) महादेव 1, नवातालाब 1, अंधियारखोप तालाब 1, गुढियारी पारा नटकेश्वर 1, नकटी तालाब किनारे जागेश्वर 1, बस स्टेंड के पीछे उमा-महेश्वर 1, कुमारेश्वर 1, कुमारेश्वर के सामने 1महामाया तालाब किनारे अर्धनारेश्वर 1, केंवसी तालाब किनारे 2, भंडारी तालाब किनारे 2,
भूरेबाबा बेनीडीह खार 1, रायदेवता आरंग बैहार 1, नकटी तालाब में डूबा 1 शिवलिंग।

निज निवास में स्थापित प्राचीन शिवलिंग

देवांगन निवास बड़े नकटी तालाब किनारे 1, मनबोध साहू ब्लाक कालोनी निवास 1, रमेश साहू ब्लाक कालोनी 1, बडगुडी पारा रामेश्वर सोनी निवास 1, गोस्वामी निवास ब्राह्मण पारा 1, शेखर जलक्षत्री झंझना मंदिर समीप 1,
नगर के बाहर - श्याम घाट राटाकाट 1, निसदा 1, बैहार में 1 मिलाकर 9 शिवलिंग ज्ञात हैं। इस प्रकार 53 शिवलिंग वर्तमान में जन आस्था के केंद्र में हैं।

इसके अलावा नगर के अनेक शिवलिंग ऐसे हैं जिन्हें श्रद्धालुओं द्वारा बीस तीस वर्ष पहले व वर्तमान में स्थापित किया गया है। जो धार्मिक आस्था का केन्द्र है।

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