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राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय के अध्ययन दल ने सिरपुर में सांस्कृतिक एवं वास्तु कौशल कला को देखा

 महासमुंद। रक्षा मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली के अधीन राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय (एनडीसी) के 16 सदस्यीय अधिकारियों के दल ने आज महासमुंद जिले के पर्यटन स्थल सिरपुर का भ्रमण किया। उन्होंने सिरपुर के लक्ष्मण मंदिर, मूर्ति संग्रहालय, गंधेश्वर मंदिर, बाजार गुफा, तीवरदेव बौद्ध विहार, स्वास्तिक विहार को देखा और प्राचीन कला की सराहना की।


दल के अधिकारियों ने आने के बाद कहा हमें बहुत अच्छा लगा। बहुत नजदीक से हमने सिरपुर और छत्तीसगढ़ को देखा है। देख कर यह बात समझ आ रही है कि हम पहले से ही जुड़े हुए हैं, यहां पर आकर जानकारी मिली। कलेक्टर प्रभात मलिक, जिला पंचायत सीईओ एस. आलोक ने सिरपुर की सांस्कृतिक एवं वास्तु कौशल कला की विशिष्टताओं सहित विभिन्न विकास गतिविधियों से अध्ययन दल को अवगत कराया। इस अवसर पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व उमेश साहू, सीईओ जनपद श्रीमती मिसा कोसले मौजूद थे।

सिरपुर भ्रमण पर पहुंचे रक्षा अधिकारी दल ने जय मॉ शीतला, दुर्गा, कामधेनू, कृष्णा व सरस्वती महिला स्व सहायता समूह से चर्चा की। इस दौरान स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि किसी समय में घर तक सीमित रहती थी। अब महिलाएं समूह से जुड़कर आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सुदृढ़ और आत्मनिर्भर हो चुकी हैं। वहीं परिवार के पालन-पोषण में उनकी समान सहभागिता रहती है। महिलाओं ने बताया कि उनके द्वारा मछली पालन, मशरूम उत्पादन, महुआ लड्डू निर्माण, सब्जी उत्पादन, गाय पालन, लघु वनोपज संग्रहण सहित अनेक प्रकार की आजीविकामूलक आर्थिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। दल के अधिकारियों ने समूह के महिलाओं और उनके द्वारा संचालित गतिविधियों की सराहना करते हुए और भी बेहतर ढंग से कार्य निष्पादित करने की बात कही। जिला पंचायत श्री एस. आलोक ने एनआरएलएम के तहत जिले में संचालित सामूहिक गतिविधियों और उनके द्वारा की जा रही आर्थिक गतिविधियों से अधिकारियों को अवगत कराया। इस दौरान अधि

कारियों ने समूह द्वारा तैयार किए गए छत्तीसगढ़ी अरसा रोटी और तिल के लड्डू का स्वाद भी चखा।
बतादें कि राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय का अध्ययन दल एक वर्षीय पाठ्यक्रम में शामिल 6 सप्ताह के अंडर स्टैंडिंग इंडिया मॉड्यूल के तहत 120 अधिकारियों का दल 8-8 अलग-अलग राज्यों का दौरा कर रहा है। इसी क्रम में 16 अधिकारियों का दल छत्तीसगढ़ पहुंचा है, जो प्रदेश में आंतरिक सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं सहित राज्य में हो रहे विकास कार्यों और गतिविधियों का अध्ययन कर रहे हैं। साथ ही छत्तीसगढ़ की भौगोलिक स्थिति, सामाजिक-सांस्कृतिक विशेषताओं सहित जनजातीय बाहुल्य इलाकों के विशेष संदर्भ में महत्वपूर्ण जानकारियांं के साथ राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, उद्योग, महिला सशक्तिकरण के साथ ही विकास से जुड़े विषयों पर अध्ययन दल द्वारा अवलोकन किया जा रहा है। उस राज्य की भाषा, इतिहास, संस्कृति, ज्ञान विज्ञान आदि को अपनायेगा और उसको पूरे देश के सामने रखेगा। जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। दो अलग-अलग राज्यों के लोगों को एक-दूसरे राज्यों की संस्कृति और सभ्यता को समझने एवं अपनाने का मौका मिलेगा जो, निश्चित रूप से पर्यटन क्षेत्र में वृद्धि करेगा। जिससे आत्मनिर्भर भारत के सपने को बल मिलेगा।

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