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जिला जेल की क्षमता 500 करने की रणनीति, अगले 50 साल की आवश्यकताओं पर चर्चा

साढ़े 6 एकड़ में हैं वर्तमान जिला जेल । 6 एकड़ अतिरिक्त जमीन की होगी आवश्यकता। 50 साल बाद 40 लाख की आबादी महासमुन्द जिले की अनुमानित। पिथौरा में भी भविष्य में 1000 बंदियों की क्षमता वाली उपजेल प्रस्तावित, सराईपाली में उपजेल बनाने राज्य सरकार को भेजेंगे प्रस्ताव


महासमुंद । सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली द्वारा पारित निर्णय के परिपालन में छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय महानदी भवन रायपुर अटल नगर के आदेश क्रमांक एफ 9-8/2024/1/5, 14 फरवरी के द्वारा राज्य/ जिला अंतर्गत जेलों के वर्तमान क्षमता, भविष्य के मांगों के आधार पर जिलों में नई जेल स्थापित करने के लिए भूमिअधिग्रहण, लंबित परियोजना सहित अन्य जरूरतों की समीक्षा किए जाने हेतु समिति का गठन राज्य शासन स्तर पर किया गया है।

उक्त समिति जिला न्यायाधीश की अध्यक्षता में कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व जेल अधीक्षक को शामिल किया गया है।

समिति की प्रथम बैठक 27 फरवरी 2024 को जिला न्यायाधीश महासमुंद श्रीमती अनिता डहरिया की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में जिला न्यायाधीश के साथ-साथ जिले के कलेक्टर प्रभात मलिक, पुलिस अधीक्षक आशुतोष सिंह, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महासमुंद के सचिव दामोदर प्रसाद चन्द्रा तथा जिला जेल अधीक्षक उत्तम पटेल शामिल रहे। समिति की बैठक में आगामी 50 वर्षो में जिला जेल महासमुंद के लिए अधोसंरचना विकसित किए जाने एवं जेल की आवश्यकताओं व सुरक्षा के साथ-साथ बंदियों की सुविधा के संबंध में चर्चा की गई।

मिली जानकारी के अनुसार अभी जिला जेल में 170 बंदियों को रखने की क्षमता है। 50 बन्दियों के लिए बैरक बन रहा है, जो अगले कुछ महीनों में बनकर तैयार हो सकता है। वहीं 100 अतिरिक्त बैरक निर्माण स्वीकृति की प्रकिया में है। वर्तमान में जेल में 500 से अधिक बंदी रह रहे हैं। जो क्षमता से करीब तीन गुना अधिक है। इससे मानवाधिकार का उल्लंघन होना स्वाभाविक है। भविष्य की जरूरतों पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुसार रूपरेखा तैयार की जा रही है।

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