Responsive Ad Slot

Latest

latest


 

जनता ढूंढ रही है छग विधानसभा में कहाँ हैं हमारे विधायक जी ? बजट सत्र के अवसान के साथ ही रिपोर्ट कार्ड तैयार, कमजोर परफॉर्मेंस वाले विधायकों की संगठन में लग सकती है क्लास !

5 से 28 फरवरी तक चले विधानसभा सत्र में विधायकों के परफॉर्मेंस पर हो रही चर्चा। कुछ विधायकों ने मुंह तक नहीं खोला, ज्यादातर मुखर रहे। कुछ विधायकों ने संभवतः एक भी सवाल नहीं उठाया, न तारांकित और न ही अतारांकित। जनता जानना चाह रही है कि उनके क्षेत्र के विधायक की विधानसभा में भूमिका क्या रही?


आनंदराम पत्रकारश्री.

रायपुर/महासमुन्द : छत्तीसगढ़ विधानसभा के प्रथम बजट सत्र का आज समापन हो गया । यह बजट सत्र 5 फरवरी से 01 मार्च, 2024 के मध्य आहूत था। दो दिन पहले ही, सदस्यों की सहमति से सत्र अवधि में संशोधन करते हुए, इस बजट सत्र का आज समय से पूर्व समापन हो गया है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने आज सदन में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि मैं सत्र के सुव्यवस्थित संचालन के लिए सदन के नेता मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत , संसदीय कार्यमंत्री बृजमोहन अग्रवाल , सभापति पालिका के सभी सदस्यगणों, सभी सदस्यों को हृदय से धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ।

उन्होंने कहा कि हम सबके लिए उपलब्धि और गर्व का विषय है कि इस बजट सत्र के पूर्व 20 एवं 21 जनवरी, 2024 को षष्टम विधान सभा के नव निर्वाचित सदस्यों के मार्गदर्शन हेतु प्रबोधन कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस प्रबोधन कार्यक्रम में देश के उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला, उत्तरप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष श्री सतीश महाना, केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री मनसुख मण्डाविया , केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह का विधान सभा आगमन हुआ और सभी उनके मार्गदर्शन से लाभान्वित हुए। इस बजट सत्र में प्रबोधन कार्यक्रम से अर्जित ज्ञान का प्रभाव मैंने सदन में सदस्यों के संसदीय प्रदर्शन से अनुभव किया है।

इन विधायकों की हुई सराहना

विधानसभा अध्यक्ष डॉ सिंह ने कहा कि यह बजट सत्र इस सरकार का प्रथम बजट सत्र था। बावजूद इसके मुझे यह बतलाते हुए हर्ष हो रहा है कि सदस्यगणों की संसदीय जागरूकता से कभी भी ऐसा अनुभव नहीं हुआ कि नव निर्वाचित सदस्य प्रथम बार सदन की कार्यवाही में सहभागी बन रहे हैं। जिस तैयारी और तत्परता के साथ पक्ष-प्रतिपक्ष के सदस्यगणों ने सदन में संसदीय प्रक्रियाओं में अपनी कार्यकुशलता का परिचय दिया, वह निश्चित तौर पर प्रशंसनीय है। दोनों ही पक्षों से जो पहली बार चुनकर सदस्य आए हैं, उन्होंने चर्चा के विभिन्न माध्यमों में अपनी सक्रिय सहभागिता से इस सदन की गरिमा को संवर्धित किया है। विशेष रूप से श्रीमती चातुरी नंद, श्रीमती भावना बोहरा, श्रीमती शेषराज हरबंस, श्रीमती हर्षिता स्वामी बघेल, श्री अटल श्रीवास्तव, श्री सुशांत शुक्ला, श्री राघवेन्द्र सिंह, श्री नीलकंठ टेकाम सहित लगभग सभी सदस्यों ने जो सक्रिय संसदीय सहभागिता प्रदर्शित की जो षष्ठ्म विधानसभा के लिए शुभ संकेत है।

'आपका अच्छा गांव'-वनवासियों के लिए वरदान

विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने कहा कि- मैं इस बात का उल्लेख करना आवश्यक समझता हूँ कि इस बजट सत्र की अवधि में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने 15 फरवरी 2024 को सदन में वक्तव्य देते हुए बस्तर क्षेत्र के लिए 'नियद नेल्लार योजना' की घोषणा की, जिसका अर्थ आपका अच्छा गांव होता है। यह नवाचार योजना बस्तर के सुदूर अंचलों में निवासरत वनवासीजनों के लिए एक वरदान साबित होगी।

पहली बार बने मंत्रियों की सराहना

सदन में कुछ ऐसे सदस्य भी हैं, जो पहली बार विधानसभा के लिए चुने गए हैं और मंत्री की भूमिका का दायित्व राज्य सरकार में निभा रहे हैं। उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव , उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा , वित्त मंत्री, श्री ओमप्रकाश चौधरी, महिला बाल विकास एवं समाज कल्याण मंत्री, श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़ , श्री टंकराम वर्मा ने अपने विभागों के प्रश्नोत्तर सहित सभी कार्यों में जिस प्रभावी ढंग से प्रस्तुति दी, इससे ऐसा कभी नहीं लगा कि वे पहली बार मंत्री बने हैं।

पक्ष-प्रतिपक्ष के इन विधायकों की सराहना

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा- इस अवसर पर विशेष रूप से प्रतिपक्ष के सदस्य श्री कुंवर सिंह निषाद एवं श्रीमती संगीता सिन्हा की प्रशंसा करता हूँ कि आपने अपने प्रयासों से सदन में प्रतिपक्ष की भूमिका को जीवंत बनाए रखने में भरपूर योगदान दिया। मैं सराहना करता हूँ सत्ता पक्ष के विद्वान सदस्य श्री अजय चन्द्राकर एवं श्री राजेश मूणत का , जिन्होंने अपने अनुभव और ज्ञान से सदन की कार्यवाही को प्रभावी बनाने में महती भूमिका निभाई है।

वरिष्ठ मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, श्री रामविचार नेताम , श्री केदार कश्यप ने अपने कार्यों से अपने दीर्घ संसदीय अनुभव का बोध कराया, वहीं दूसरी बार सदन के सदस्य चुनकर आए और पहली बार मंत्री बने श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने भी बहुत ही सराहनीय ढंग से अपने कार्यों को संपादित किया।

अवैध खनन और स्कूलों की सुरक्षा उल्लेखनीय

अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने कहा कि मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि इस सत्र में अध्यक्षीय निर्देश पर वित्त मंत्री ने पूरे प्रदेश में अवैध खनन एवं अवैध परिवहन के विषय पर गंभीरता से विचार कर कार्यवाही की, सदस्य श्री रिकेश सेन द्वारा प्रकरणों की जानकारी देने पर एक सप्ताह में परीक्षण कराने और प्रधानमंत्री आवास हेतु निःशुल्क रेत प्रदान किए जाने की घोषणा की। इसी प्रकार स्कूल शिक्षा मंत्री ने छोटे स्कूलों में अहाता सहित व बड़े में बारवेट वायर एवं वृक्षारोपण के माध्यम से शाला भवन को सुरक्षित किए जाने पर सहमति दी।

प्रश्नकाल : जवाबदेही का सशक्त माध्यम

प्रश्नकाल वह हथियार है जिसमें सदस्य सरकार की जवाबदेही को सुनिश्चित करता है। मैंने अपने संसदीय जीवन में किसी सत्र में प्रश्नकाल का इतना बेहतर उपयोग कम ही देखा है। मैं बताना चाहूंगा कि इस सत्र के प्रश्नकाल में जहां कुछ प्रश्नों के महत्व को देखते हुए प्रश्न एवं संदर्भ समिति को सौंपे गए, वहीं प्रश्नकाल में ही भिन्न प्रश्नों पर विभागीय जांच का आश्वासन भारसाधक मंत्री ने दिया। साथ ही प्रश्नकाल में जहां शिक्षकों की पदोन्नति की घोषणा मंत्री जी ने की, वहीं प्रश्नकाल में कार्यपालिका के कुछ अधिकारियों को उनके कार्यकरण के लिए निलंबित भी किया गया। साथ ही इस विधानसभा के वर्ष 2000 से लेकर आज वर्ष 2024 तक यह प्रथम बार हुआ जब प्रश्नकर्ता के प्रश्न पर विभागीय मंत्री ने सदन के प्रश्नकर्ता सदस्य की अध्यक्षता में सोशल ऑडिट कराने की घोषणा की गई हो। श्री धरमलाल कौशिक के प्रश्न 6 फरवरी, 2024 की प्रश्नोत्तर सूची में मुद्रित तारांकित प्रश्न संख्या-1 (क्रमांक-58) "पी.डी. एस. के तहत् संचालित दुकानों की जांच" विषयक पर सदन की समिति से जांच कराए जाने की सहमति शासन की ओर से दी गई। मैं समझता हूँ कि प्रश्नकाल का इससे बेहतर उपयोग का कोई दूसरा उदाहरण और कुछ नहीं हो सकता। मैं सभी प्रश्नकर्ता सदस्यगणों को और विभागीय मंत्रीगणों को इस बात के लिए धन्यवाद देता हूँ कि आपने प्रश्नकाल के माध्यम से विधायिका के कार्यपालिका पर नियंत्रण को मजबूती देने का कार्य किया है। निश्चित ही ऐसे ही प्रयासों से प्रधानमंत्री जी की अपेक्षा मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेस की पूर्ति होती है।

प्रश्न पूछने के समय मोबाइल का उपयोग न करें

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि माननीय सदस्यगणों से मेरा यह आग्रह है कि सदन की गरिमा और मर्यादा दोनों आपके कार्यकरण पर ही निर्भर है। जितना आप इस सदन की गरिमा का ध्यान रखेंगे, उतना ही आपका सम्मान बढ़ेगा। मैं नवोदित सदस्यगणों और वरिष्ठ सदस्यगणों दोनों से ही अनुरोध करता हूँ कि सदन की परम्परा और प्रक्रियाओं का पालन करने के लिए आप गम्भीर हों। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूँ कि पक्ष-प्रतिपक्ष दोनों ही तरफ के कुछ माननीय सदस्य सदन में चर्चा के दौरान जानकारियों के लिए प्रश्न पूछने के समय मोबाईल का उपयोग करते हैं, जो कि संसदीय सदन की परम्परा नहीं है। उन सभी से मेरा यह अनुरोध है कि भविष्य में अपने इस व्यवहार की पुनरावृत्ति न हो इसका प्रयास करें।

विधायकों को अध्यक्ष की अहम सलाह

विधानसभा अध्यक्ष ने सभी माननीय सदस्यों से आग्रह किया कि अपने संसदीय ज्ञान को विस्तार देने के लिए निरन्तर प्रयासरत रहें। विधानसभा के पुस्तकालय और संदर्भ शाखा का उपयोग करें। अपने वरिष्ठजनों से परामर्श लें। क्योंकि किसी भी विषय पर आपका अध्ययन और जानकारी जितनी अधिक होगी, आप उतने ही अच्छे ढंग से अपनी बात को रख सकेंगे और आपके इस कार्य से निश्चित ही सदन में न केवल इससे चर्चा का स्तर बढ़ेगा, अपितु चर्चा परिणाम मूलक भी होगी। मुझे यह अवगत कराते हुए प्रसन्नता हो रही है कि इस बजट सत्र में 14 सदस्यगणों ने पुस्तकालय सुलभ संदर्भ का उपयोग किया । मेरी अपेक्षा है यह संख्या निरन्तर बढ़ती रहे।

नेता प्रतिपक्ष, सदस्यों की भी सराहना

विधानसभा अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष सहित प्रतिपक्ष के सभी सदस्यगणों की इस बात के लिए प्रशंसा किया कि उन्होंने सकारात्मक विपक्ष की भूमिका का कुशलता से निर्वहन कर लोकतन्त्र में सजग सार्थक प्रतिपक्ष की भूमिका को अपने कार्य, विचार और व्यवहार से सिद्ध किया । यह बजट सत्र कई मायनों में महत्वपूर्ण रहा है। सदस्यगणों की संसदीय परिपक्वता और जनकल्याण के प्रति वचनबद्धता इस सत्र में स्पष्ट रूप से नजर आयी। सदस्यगणों ने पक्ष-प्रतिपक्ष के भाव से ऊपर उठकर, जनकल्याण को सर्वोपरि समझा। इस सत्र में राज्य की समग्र उन्नति एवं जनहित से संबद्ध प्रत्येक विषयों पर व्यापक और विस्तृत चर्चा हुई, धान खरीदी, पर्यावरण, प्रदेश की कानून व्यवस्था, शिक्षा, आवागमन, महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य से जुड़े अनेक विषयों पर जो समग्र सारगर्भित चर्चाएं हुई हैं। इसे मैं इस सत्र की सबसे बड़ी उपलब्धि मानता हूँ।

1500 विद्यार्थियों ने किया विधानसभा अवलोकन

इस बजट सत्र में राज्य के विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं के लगभग 1500 छात्र-छात्राओं ने विधानसभा की कार्यवाही का प्रत्यक्ष रूप से अवलोकन किया। यह परम्परा आने वाले सत्रों में भी बनी रहे इसके लिए सदस्यगण प्रयास करेंगे। सदस्यों को उनके संसदीय कार्यों में सहयोग के लिये विधानसभा द्वारा लैपटॉप वितरीत किया गया है। इसका अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया।

16 दिन में 101 घण्टे हुई चर्चा

विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि- मैं आपको इस बजट सत्र में सम्पादित हुए संसदीय कार्यों के संक्षेप में सांख्यिकीय आंकड़ों से अवगत कराना चाहूँगा। इस सत्र के कुल 16 दिवसों में लगभग 101.13 घंटे चर्चा हुई। 16 बैठकों में 145 प्रश्न सभा में पूछे गए जिनके उत्तर शासन द्वारा दिए गए। इस सत्र में 1337 तारांकित प्रश्न एवं 1357 अतारांकित प्रश्नों की सूचना प्राप्त हुई। इस प्रकार कुल 2694 प्रश्नों की सूचनाएँ प्राप्त हुई। इस सत्र में ध्यानाकर्षण की कुल 411 सूचनाएं प्राप्त हुई, जिसमें 214 सूचनाएं ग्राहय हुई और 34 सूचनाओं पर सदन में चर्चा हुई। इस सत्र में कुल 147 स्थगन की सूचनाएं प्राप्त हुई। शून्यकाल की 81 सूचनाएँ प्राप्त हुई जिसमें 25 सूचनाएं ग्राह्य और 14 सूचनाएं अग्राह्य रही। वर्तमान सत्र में 266 याचिकायें माननीय सदस्यों द्वारा प्रस्तुत की गई, जिनमें 139 ग्राह्य व 76 अग्राह्य रही। 10 अशासकीय संकल्प माननीय सदस्यों द्वारा दिये गये, जिनमें से 05 संकल्प ग्राह्य हुए तथा 04 संकल्प स्वीकृत हुए एवं 1 व्यपगत हुआ। इस सत्र में 5 विधेयकों की सूचनाएं प्राप्त हुई और चर्चा उपरांत सभी पारित हुए। वित्तीय कार्यों के अन्तर्गत तृतीय अनुपूरक अनुमान पर 39 मिनट, वर्ष 2024-25 के बजट पर सामान्य चर्चा सहित विभागों की अनुदान मांगों पर 55 घंटे 21 मिनट चर्चा हुई तथा विनियोग विधेयक पर 5 घंटे चर्चा हुई।

Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.