महासमुन्द । जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल खल्लारी में प्रबुद्धजनों की चिंतन बैठक हुई। अलग -अलग वर्ग के लोगों की 'खल्लारी सतसंग' उद्देश्यपूर्ण और उपयोगी साबित हुआ। विभिन्न पहलुओं पर चिंतन करने के बाद उपस्थितजनों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि खल्लारी के सभी पूजास्थलों का दस्तावेजीकरण किया जाए। आगामी खल्लारी मेला के पहले इसे प्रकाशित किया जाए और उद्देश्य की पूर्ति के लिए एक समिति पंजीकृत कराई जाए। खल्लारी को राष्ट्रीय पर्यटन स्थलों को सूची में शामिल करने भारत सरकार को स्मरण पत्र भेजा जाना चाहिए। इसे प्रधानमंत्री प्रसाद योजना में शामिल करने की पुरजोर मांग करने का निर्णय लिया है। क्षेत्र के शैक्षणिक विकास के लिए केंद्रीय शिक्षण संस्थानों की स्थापना खल्लारी में करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रबुद्धजनों ने जनप्रतिनिधियों से भी इस दिशा में कारगर उपाय करने का आग्रह किया है।
पूर्वान्ह 11 बजे खल्लारी पहुंचे और भक्त शिरोमणि देवपाल मोची द्वारा निर्मित नारायण (जगन्नाथ) मंदिर और खल्लारी माता मंदिर में पूजा-अर्चना किया । तत्पश्चात ऐतिहासिक नगरी के पुरा वैभव और सामाजिक संदेश को राष्ट्र व्यापी प्रचार-प्रसार की कार्ययोजना पर घनाराम साहू के संयोजन में विचार-विमर्श प्रारंभ हुआ । सर्व श्री आशीष सिंह ठाकुर साहित्यकार, अधिवक्ता चंद्रहास कश्यप, मनीराम साहू , इंजीनियर नारायण साहू, बुद्धेश्वर सोनवानी, खिलावन मेहरा, राजू मिर्धा, संतराम भारती, कामता प्रसाद मिरी, शत्रुघ्न अजगले, सेवाराम साहू, बेदनाथ मेहरा, चमन लाल साहू, विष्णु साहू, देवक राम साहू, तोष राम साहू इत्यादि ने सार्थक सुझाव दिए। संचालन युगल किशोर साहू ने किया ।