महासमुंद। माननीय उच्चतम न्यायालय एवं छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने हेतु दिए गए निर्देशानुसार विद्यार्थियों की पढ़ाई एवं परीक्षा, वृद्धाओं, निःशक्तजनों, रोगियों आदि की बाधा एवं लोक शांति को ध्यान में रखते हुए कोलाहल अधिनियम 1985 की धारा 04 एवं 05 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी प्रभात मलिक ने जिले की सीमा के अंतर्गत बिना लिखित पूर्वानुमति के ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग को आगामी आदेश तक प्रतिबंधित किया है।
कलेक्टर प्रभात मलिक द्वारा ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने एवं मल्टी टोन हॉर्न, प्रेसर हॉर्न के साथ-साथ डी.जे. के विरुद्ध जप्तीकरण की कार्यवाही किए जाने तथा सम्यक जांच एवं जागरूकता अभियान चलाने के लिए संबंधित अनुविभागीय अधिकारी, कार्यपालिक अधिकारी, थाना प्रभारी, नगर पालिका अधिकारियों का दल गठित किया गया है। गठित दल अपने-अपने थाना क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम, 2000 एवं ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम 2010 के प्रावधानों का पालन सुनिश्चित कराते हुए समय-समय पर स्थल निरीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे।