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हिंसा में बेटे की जान गंवाने वाले विधायक ईश्वर साहू ने छोटे बेटे की सरकारी नौकरी का प्रस्ताव ठुकराया

 Biranpur violence : बिरनपुर सांप्रदायिक हिंसा में बेटे की जान गंवाने वाले साजा विधायक ईश्वर साहू ने शासन की ओर से अपने छोटे बेटे कृष्णा साहू को नौकरी देने का प्रस्ताव ठुकरा दिया है। एसपी भावना गुप्ता की ओर से मंत्रालय के आदेश का पालन करते हुए शुक्रवार को कृष्णा को पुलिस विभाग में आरक्षक जीडी के पद पर अनुकंपा नियुक्ति देने संबंधी पत्र भेजा गया था। पत्र में नियुक्ति संबंधी सहमति, शिक्षा, जाति, निवास प्रमाण-पत्र एवं आधार कार्ड उपलब्ध कराने को कहा था।


जिले के बिरनपुर गांव में आठ अप्रैल 2022 को दो समुदायों के बीच हुई सांप्रदायिक हिंसा में 23 वर्षीय भुनेश्वर साहू की हत्या हो गई थी। उनके पिता ईश्वर पहले भी छोटे बेटे की नौकरी का प्रस्ताव ठुकरा चुके थे। भाजपा की टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने ईश्वर साहू ने बताया कि उनके बेटे कृष्णा ने दसवीं तक की शिक्षा प्राप्त की है। उसकी इच्छा अभी आगे पढ़ाई करने की है।

विधायक बनने पर ग्रामीणों में जगी न्याय की आस

भुवनेश्वर हत्याकांड पर प्रत्यक्ष जांच को लेकर ग्रामीणों में एक बार फिर से उम्मीद जाग गई है, क्योंकि मृतक के पिता ईश्वर साहू विधायक बन गए हैं। वहीं प्रदेश में भाजपा की सरकार आ गई है। लोगों को उम्मीद है कि अब तक कार्रवाई से बचे कई आरोपित जल्द ही पुलिस के गिरफ्त में होंगे।

इस मामले में एक आरोपित कबाड़ वाला है, जिसकी अबतक पहचान नहीं हो पाई है। इधर, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी बिरनपुर की हिंसा को लेकर सीबीआइ जांच की बात कही थी। बता दें कि इस मामले में अब तक सात मामले दर्ज किए गए है। इसमें 42 आरोपितों में 40 की गिरफ्तारी हो चुकी है।

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