महासमुंद। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत डॉ. पी कुदेशिया सीएमएचओ, श्रीमती नीलू घृतलहरे डीपीएम और डॉ सीपी चंद्राकर नोडल मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के समन्वय से आशी बाई गोल्छा हायर सेकेंड्री स्कूल में 10 सितंबर विश्व आत्महत्या रोकथाम पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में स्कूल के बच्चो को वार्निंग साइन के बारे में बताया गया कि जब इंसान ऐसे कदम उठाते है तो कौन से लक्ष्ण सामने आता है।उन लक्षण को नजर अंदाज ना करे, डिप्रेशन को बचने के लिए रोक थाम उपाय भी बताया गया।
परीक्षा व रिजल्ट आने के समय तनाव में आ जाते है। इसके लिए अपने आपको सम्हाल पाना मुश्किल होता है। उस समय परिवार व समाज को सहयोग करना है। असफल होने से जीवन को समाप्त करना बेहतर उपाय नही है, बल्कि उन समस्या से लड़ कर सामना करना बेहतर है, हमको एक दूसरे का सहयोगी बनना है। अत्यधिक तनाव में आ जाने से अपने जीवन शैली को बेहतरीन करे, खान पान पर ध्यान दे, जितना हो सके तनाव से बचे योग, साधना, व्ययाम करे, मनोरंजन का उपयोग करे, वार्ता लाप करे।
तनाव को कम करने का खेल खेलाया गया जैसे बलून, बॉटल को हाथ में रखना, रेखाएं को पुरा करना आदि, अगर लगता है की मानसिक स्थिति ठीक नही है तो नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में मिले साथ ही मनोरोग़ चिकित्सा केंद्र, मनोवैज्ञानिक, मनोरोग सामाजिक कार्यकर्ता से परामर्श ले। कार्यशाला में गोविन्द सिन्हा प्राचार्य आशी बाई गोल्छा हायर सेकेंड्री स्कूल महासमुन्द और उनके स्टॉफ और बच्चों का सहयोग रहा। कार्यशाला लगभग 86 बच्चों ने भाग लिया, मेडिकल कालेज सह जिला चिकित्सालय महासमुन्द स्पर्श क्लिनिक महासमुन्द से राम गोपाल खूंटे मनोरोग सामाजिक कार्यकर्ता, टिकेश्वरी गोस्वामी मनोवैज्ञानिक एवं समस्त स्टॉफ का सहयोग रहा।