Chandrayaan-3 Landing: भारत के लिए आज का दिन बेहद खास है. भारत का महत्वाकांक्षी मून मिशन चंद्रयान-3 आज शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चांद की सतह पर लैंड करेगा. एक तरफ रूस का चंद्र मिशन लूना-25 (Luna-25) जहां क्रैश कर चुका है। अब पूरी दुनिया की नजर भारत के मून मिशन पर टिकी हुई है. ISRO के वैज्ञानिक भी फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं.
आखिरी 17 मिनट का है खेल
वैज्ञानिकों का कहना है कि लैंडिंग के आखिरी 17 मिनट सबसे अहम होंगे। इन आखिरी पलों में इसरो के वैज्ञानिकों समेत सबकी धड़कनें बढ़ने वाली हैं। चांद पर लैंडिंग 4 चरणों में होगी।
कमांड मिलते ही लैंडर विक्रम 25 किलोमीटर की ऊंचाई से चांद की सतह की तरफ बढ़ना शुरू करेगा। 750 Km दूर होगा तब विक्रम लैंडिंग साइट से, स्पीड 1.6 Km/सेकंड होगी, 690 सेकेंड के दौरान विक्रम के सभी इंजन स्टार्ट होकर उसकी रफ्तार कम करेंगे। 7.4 किमी की ऊंचाई पर होगा, 358 मीटर/सेकंड सतह के समांतर होगी स्पीड, नीचे आने की रफ्तार 61 मीटर/सेकंड रह जाएगी।
बता दें कि अभी तक किसी अन्य देश ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग नहीं की है. आज शाम विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद भारत ऐसा करने वाला पहला देश बन जाएगा. भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान के पूर्व प्रोफेसर आरसी कपूर ने कहा कि 'यह इसरो का एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण मिशन है.'
उन्होंने आगे कहा 'इसमें कई चरण शामिल थे - सबसे पहले, चंद्रयान -3 को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया था, फिर इसे चंद्रमा स्थानांतरण पथ पर भेजा गया, फिर यह चंद्रमा की कक्षा तक पहुंच गया, और अब लैंडर और रोवर लैंडिंग से पहले की कक्षा में पहुंच गए हैं.ये सभी चरण सटीकता से पूरे कर लिए गए हैं.